22 सालों से खुद के खर्च पर अर्पण कर रहे सैकड़ों बेसहारों की सेवा

Arpan Benerjee

भागदौड़ से भरी जिंदगी में जहां लोग अपनों के लिए भी वक्त मुश्किल से निकाल पाते हैं। वहां पश्चिम बंगाल के अर्पण बनर्जी ने अपनी पूरी जिंदगी दुसरों के नाम कर दी है, वह पिछले 22 सालों से अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बेसहारा लोगों की जिंदगी को बेहतर करने में और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में लगा रहे हैं।

जीवन के कुछ अनुभव आपको जीवन भर की सीख दे देते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ करीमपुर, पश्चिम बंगाल के अर्पण बनर्जी के साथ भी। अर्पण पिछले 22 सालों से पश्चिम बंगाल के छह से सात अनाथालय और पांच से अधिक वृद्धाश्रम में जरूरतमंदों से मिलकर उनका ख्याल रखते हैं। अर्पण इन सालों में हर विशेष अवसर में इन लोगों के लिए तोहफे, कपड़ें और सबसे जरूरी अपना समय देते हैं।  

खास बात यह है कि अर्पण ने इस काम की शुरुआत अपने खुद के खर्च पर ही की थी और आज भी अपनी कमाई का आधे से अधिक हिस्सा लगाकर वह यह काम नियमित रूप से कर रहे हैं। लेकिन इससे भी खास है इस काम को शुरू करने के पीछे की कहानी।

दरअसल, अर्पण बचपन से काफी नटखट बच्चे थे। इसी वजह से उन्हें सातवीं-आठवीं की पढ़ाई के दौरान उनके परिवार ने एक आश्रम में भर्ती करा दिया था। जब अर्पण आश्रम में रह रहे थे तब वह महीने मे सिर्फ एक बार अपनी माँ से मिल पाते थे। 

लेकिन आश्रम में कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिनसे मिलने कोई नहीं आता था क्योंकि शायद उनका कोई अपना था ही नहीं….

बेसहारों को अर्पण ने बनाया अपना परिवार

Arpan Banerjee

तब उस छोटी सी उम्र में अर्पण ने सोच लिया कि जिनका कोई नहीं वह उनका परिवार बनेंगे। और आज तक वह अपने आप से किए उस वादे को निभा रहे हैं। 

शुरुआत में जब कोई कमाई नहीं थी तब वह जरूरतमंदों को ब्लड डोनेट किया करते थे। समय के साथ उन्होंने एक प्रॉपर्टी एजेंट के तौर पर काम करना शुरू किया और फिर अपनी कमाई से अपने शहर के अलावा आस-पास के अनाथालय और वृद्धाश्रमों में जाकर सेवा और मदद का काम करने लगें। 

उनके इस नेक काम में आज उन्हें उनके कई दोस्त भी मदद करते हैं। इतना ही नहीं करीमपुर के सडकों पर रहने वाले बेसहारा लोगों की जरूरत का भी अर्पण पूरा ख्याल रखते हैं। 

जल्द ही अर्पण सड़क पर रहनेवाले बेसहारा लोगों के लिए एक स्थायी आसरा बनाना चाहते हैं। जिसमें उन्हें आपकी मदद की जरूरत है।  

तो क्यों न इस नि:स्वार्थ पहल में उनकी मदद करके, हम भी बनें इन जरूरतमंदों का सहारा। आप अर्पण से इस नंबर 9733563164 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी देखेंः एक टिफिन से 150 ज़रूरतमंद बच्चों की जिम्मेदारी उठाने तक

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