हिमाचल प्रदेश में लाहौल जिले के रहने वाले सुशील कुमार पिछले लगभग डेढ़-दो सालों से अपने व्यापर मंडल में आने वाली सभी दुकानों और ढाबों आदि से प्लास्टिक और काँच के कचरे को लैंडफिल में जाने से रोक रहे हैं!
डॉ. विक्रम कॉफी के अलावा निचले क्षेत्रों में उगाया जाने वाला सेब, कीवी, ऐवाकाडो, पीस्ता और हींग की खेती को बढ़ावा देने के लिए विदेशों से मंहगे दामों में बीज मंगवाकर पहले तो इनकी पौधे अपने यहां तैयार करते हैं और इसके बाद इसे किसान-बागवानों में बांट देते हैं।
कोई अपनी ज़मीन दे रहा है तो कोई कर रहा है श्रमदान, किसी ने सरकारी एंबुलेंस ठीक करने की ठानी है, तो कोई मास्क बना रहा है। किसी ने किरायेदारों का किराया माफ किया, तो किसी ने अपने घर के दरवाज़े ज़रूरतमंदों के लिए खोल दिए। हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुसार कोरोना से इस लड़ाई में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहा है।