वडोदरा, गुजरात के मोहनलाल चौहान (77) और उनकी पत्नी लीलाबेन (71) ने अपनी 47 साल पुरानी बुलेट में, 30 हजार किलोमीटर की भारत यात्रा की हैं। चार बड़ी और शानदार ट्रिप के दौरान घूमें देश के सभी राज्य।
पढ़िए गुजरात के इस शिक्षक दंपति की कहानी, जिनका घर पूरी तरह से प्रकृति पर आधारित है। बिजली से लेकर पानी तक, यहाँ सबकुछ सोलर और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर चलता है।
सूरत, गुजरात के रहने वाले प्रवीण पटेल ने इजराइल से जैविक खेती की तकनीक सीखकर खीरा, खरबूज, तरबूज, स्ट्रॉबेरी जैसे कैश क्रॉप की खेती शुरू की, जिनसे आज वह लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।
गुजरात के जूनागढ़ में पिखोर गाँव के रहने वाले, अमृत भाई अग्रावत (75) किसानों के लिए कई तरह के आविष्कार करके, उनकी समस्याओं को हल करते हैं। अपने इन्हीं कार्यों के लिए, उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले हैं और उनके एक आविष्कार को पेटेंट भी मिला है।
अहमदाबाद, गुजरात में रहने वाले 31 वर्षीय डॉ. दिलीपसिंह सोढ़ा ने, अपनी छत पर पाँच किलोवाट क्षमता वाला सोलर सिस्टम लगवाकर, अपने घर के बिजली बिल को जीरो कर लिया है। इसके साथ ही, वह अपने पिता के साथ मिलकर पौधरोपण, ‘ट्रीगार्ड’ और ‘कार फ्री डे’ जैसी पहलों पर भी काम कर रहे हैं।
अमूल बटर के अस्तित्व में आने से पहले देशभर में सिर्फ 'पोलसन बटर' का बोलबाला था, जिसे बॉम्बे में पोलसन कॉफी कंपनी के मालिक, पेस्तोनजी इडुलजी दलाल ने शुरू किया था।
गुजरात के भाविक ने मात्र 5 बीघा ज़मीन से हल्दी की जैविक खेती शुरू की थी और आज वह 50 बीघा में हल्दी उगा रहे हैं और प्रोसेसिंग करके लगभग 5 टन हल्दी पाउडर भी बना रहे हैं!