सूरत के मगन भाई का पूरा परिवार सालों से डायमंड बिज़नेस से जुड़ा था। लेकिन खेती और पशुपालन के अपने शौक़ के कारण, उन्होंने पांच साल पहले थोड़ी जमीन और दो गायें भी खरीदी थीं। कोरोना के कठिन दौर में पशुपालन ही उनके काम आया, चार भाइयों का पूरा परिवार आज डेयरी बिज़नेस से सालाना एक करोड़ का टर्नओवर कमा रहा है।
गुजरात के भावनगर जिले के शिवाभाई रावजीभाई गोहिल ने अपने बच्चों की शादी के लिए एक अनोखा निमंत्रण कार्ड तैयार किया है जो उपयोग के बाद घोंसले में बदल जाता है।
51 की उम्र में नवसारी की लक्ष्मी पटेल ने अपनी जमीन खरीदी और शुरू की आम और चावल की खेती। आज वह ऑर्गेनिक तरीकों का उपयोग करके अपने खेतों से लाखों का मुनाफा कमा रही हैं। पढ़ें उनकी सफलता की कहानी।
गुजरात के Vadilal Brand ने हाथ से चलने वाली देसी तकनीक का इस्तेमाल करके आइसक्रीम बनाने और बेचने की शुरुआत की थी। वहीं, आज इनके पास अपने ग्राहकों के लिए आइसक्रिम के 200 से ज्यादा फ्लेवर्स मौजूद हैं।
पालनपुर, गुजरात के 26 वर्षीय निरल पटेल ने लॉकडाउन के दौरान एक अनोखा बीज बैंक बनाया है। वह महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान तक पार्सल से विलुप्त होती वनस्पतियों और पेड़ों के बीज पहुंचाते हैं।
गुजरात, वडोदरा के राजा चड्ढा ने गर्मियों में अपने घर को ठंडा रखने के लिए, अपनी छत पर वाटर लिली, ऐवलैंच लिली, पर्पल जॉय और अडेनियम जैसे 300 से ज़्यादा पौधे उगाये हैं।
अहमदाबाद, गुजरात के CA प्रतीक घोडा ने नौकरी छोड़कर ‘Bee Base Pvt Ltd’ नामक Honey Business शुरू किया। उनकी यह कंपनी शहद बेचने के साथ, मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए भी काम कर रही है।