विलास मनोहर आज से 45 साल पहले जब आदिवासियों के गाँव हेमकलसा पहुंचे थे तब वहाँ मिट्टी की दो-तीन झोपड़ियाँ ही थीं लेकिन आज उनकी मेहनत से वहाँ अस्पताल, पक्के घर व पशुओं के लिए एक अनाथालय खुल चुका है।
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नेहा रूपड़ा
नेहा ने समाज कार्य में स्नातकोत्तर किया है। वह पिछले लगभग 8-10 वर्षों से विविध गैर-सराकारी संगठनों के साथ कार्यरत हैं। नेहा की रुचि प्राथमिक शिक्षा, किशोरी स्वास्थ्य और जेंडर मुद्दों में है।