रामगढ़ (झारखंड) के वियंग गांव के रहनेवाले केदार प्रसाद महतो मात्र बारहवीं पास हैं, लेकिन अपने दिमाग और आठ सालों की मेहनत से, उन्होंने गांव के लिए बिजली बनाने में सफलता हासिल कर ली।
लक्षद्वीप के रहनेवाले अली मणिकफन सिर्फ सातवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की थी। लेकिन, इस साल उन्हें 'ग्रासरूट्स इनोवेशन' की श्रेणी में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। जानिए 14 भाषाएँ जानने वाले इस बिना डिग्री के विद्वान की अद्भुत कहानी!
बेंगलुरु के रहने वाले पृथ्वी ने अपने घर की छत पर 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया है। अब वह न सिर्फ उनका बिजली बिल ज़ीरो हो गया है, बल्कि उल्टा वह सरकार को बिजली बेच रहे हैं।
फोर्थ पार्टनर एनर्जी कंपनी द्वारा शुरू पावर@1 पहल के जरिए हर साल स्कूलों में हज़ारों रुपयों की बचत हो रही है। कंपनी का उद्देश्य उन लोगों तक इको-फ्रेंडली और सस्टेनेबल सौर ऊर्जा पहुँचाना हैं, जहां इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है।