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1000+ वंचित बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे यह रिटायर्ड कपल, आज कई छात्र कर रहे अच्छी नौकरी

By पूजा दास

कोयंबतूर के पचापलायम में रहने वाले रिटायर्ड कपल शिव स्वामी और महालक्ष्मी, काल्वी थुनै नाम का शिक्षा केंद्र चलाते हैं, जहां वंचित बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है।

कुत्ते को गटर से पानी पीता देख शुरू की पहल, अब तक बाँट चुके हैं 25,000 पानी के बर्तन

By निशा डागर

कर्नाटक के तुमकुर में रहने वाले जैन सनी हस्तीमल ने लगभग सात साल पहले, बेसहारा जानवरों को पानी पिलाने के लिए Water For Voiceless अभियान की शुरुआत की थी।

ई-स्कूटर से लेकर कचरा ढोने वाले इलेक्ट्रिक वाहन तक, नए भारत की नयी पहचान है यह स्टार्टअप

By निशा डागर

हेमलता अन्नामलाई ने 2008 में तमिलनाडु के कोयंबटूर में अपनी कंपनी, Ampere Vehicles Pvt. Ltd की शुरुआत की, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग इलेक्ट्रिक-वाहन बना रही है!

उम्र 105 वर्ष, काम -जैविक खेती, मिलिए इस दादी से!

जब आज की पीढ़ी 50 साल की उम्र तक रिटायर होने की योजना बना रही है, तो 105 वर्षीय पप्पम्मल की कहानी सिर्फ एक उदाहरण नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है, क्योंकि आज भी, हर दिन वह अपने खेती कार्यों को करती हैं।

जैविक दाल, मसालों से लेकर रागी की आइस-क्रीम तक, स्वदेशी को बढ़ावा दे रहा है यह युवक

By निशा डागर

भार्गव का कहना है कि अब वक़्त है कि हम भारतीय उत्पादों को सपोर्ट करें। मेड इन इंडिया और लोकल-वोकल सिर्फ शब्द नहीं होने चाहिए। बल्कि अब हर परिवार को अपने किसी एक बच्चे को नौकरी की जगह उद्यमी बनने की सलाह देनी चाहिए!

पुराने अख़बारों से बनातीं हैं खूबसूरत गुड़िया, 100 से ज्यादा हैं ग्राहक

By निशा डागर

राधिका को हड्डियों की एक दुर्लभ बीमारी है, जिस वजह से वह ज़्यादा बाहर आ-जा नहीं सकतीं लेकिन अपने हुनर के दम पर अब वह महीने के 8-10 हज़ार रूपये कमा लेतीं हैं।

पिछले एक दशक से गौरेया को बचाने में जुटा है यह शख्स, शहर भर में लगाए 2000 घोंसले!

By निशा डागर

"अगर आपने आस-पास नियमित तौर पर पक्षी आपको दिख रहे हैं तो समझिए कि आप एक स्वस्थ वातावरण में रह रहे हैं और अगर नहीं तो यह चिंता का विषय है।"

83 साल की 'सब्ज़ीवाली दादी' का कमाल, दो गांवों के हर एक घर में लगवा दिया किचन गार्डन!

By निशा डागर

भारत के गाँव खुद अपना खाना उगाएं, इसके लिए उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर एक एक्शन प्लान भी बनाया है, जिसके हिसाब से हर एक गाँव में पांच तरह के किचन गार्डन लगाए जा सकते हैं!

1 रुपये में इडली, 2.50 रुपये में दोसा खिला रही हैं ये दो दादियाँ!

By निशा डागर

"यह ग्रामीण इलाका है और यहाँ पर बहुत से ज़रूरतमंद लोग है। मैं बस उन्हें कम से कम कीमत पर खाना खिलाना चाहती हूँ।"