लड्डू को सबसे पहले किसी हलवाई ने नहीं, बल्कि 4th सेंचुरी बीसी में भारतीय चिकित्सक सुश्रुत ने बनाया था और इसे दवाई की तरह इस्तेमाल किया जाता था। कैसे लड्डू ने दवाई से मिठाई का रुप लिया, आइए जानते हैं इसके मज़ेदार इतिहास के बारे में...
‘स्नेक मैन’ के नाम से मशहूर बिहार के हरिओम चौबे का सांपों से अनोखा जुड़ाव देख, बचपन में घरवालों ने उन्हें यह काम करने से रोका। लेकिन हरिओम ने फिर भी सालों तक जानकारी इकट्ठा की, सांपो के बारे में सब कुछ पढ़-जानकर उन्हें रेस्क्यू करना शुरू किया। आज वह गांव में दूसरा रेस्क्यू सेंटर बनाने की तैयारी में हैं।
मधुबनी (बिहार) के रहनेवाले बेहद सरल स्वभाव के कपिल देव के फ़ार्म पर अगर आप जाएंगे, तो आपका मन खुश हो जाएगा। सड़क के किनारे, 40 एकड़ का उनका बड़ा सा फॉर्म, और कुछ फलों के, तो कुछ लकड़ियों के लिए लगाए गए तरह-तरह के पेड़-पौधे, ऐसा लगेगा कि आप किसी घने जंगल में आ गए हैं।
पुर्णिया, बिहार की रहनेवाली प्रियंका गुप्ता सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं और इसका कारण यह है कि BHU से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट होने के बाद भी प्रियंका को कहीं नौकरी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने जिस काम को अपना प्रोफेशन बनाया उसने उन्हें चर्चा का विषय बना दिया है।
इन दिनों एक अनोखा निमंत्रण पत्र चर्चा में है। गया के गेवालबिगहा के रहनेवाले भोला यादव की बेटी आयुषी की शादी 16 फरवरी, 2022 को थी। इस शादी में लोगों को बुलाने के लिए जो निमंत्रण पत्र भेजा गया, उसमें शादी में शिरकत करने वाले मेहमानों के लिए चार नियम भी लिखे गए हैं।
बिहार के पटना में रहने वाले विजय राय पिछले लगभग 20 सालों से अपनी छत पर बागवानी कर रहे हैं। उनके बगीचे में सजावटी पौधों, फूलों, बोनसाई, मौसमी सब्जियों से लेकर कई तरह के फलों के पेड़ भी लगे हुए हैं।
बिहार में पटना के रहनेवाले राकेश रमण श्रीवास्तव, पिछले कई सालों से अपने घर में फूलों के पेड़-पौधों की बागवानी कर रहे हैं और कुछ समय पहले उन्होंने बिहार सरकार की 'छत पर बागवानी' योजना के तहत किचन गार्डन भी लगाया है।
कोरोना काल में जब थाली में दाल को भी तरस रहा था पूरा गांव, इन महिला किसानों ने छोटी सी जमीन पर किचन गार्डन लगा कर पूरे साल के लिए फल, सब्जियां और जड़ी बूटियों का इंतजाम किया और अपने पड़ोसियों की मदद भी की।