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पुणे के ये दोनों आर्किटेक्ट बना रहे हैं सीमेंट-रहित ऐसे घर, जिनमें न एसी की ज़रूरत है, न फैन की!

By सुकांत सुमन

महाराष्ट्र में रहने वाले ध्रुवंग हिंगमिरे और प्रियंका गुंजिकर कोई सामान्य आर्किटेक्ट नहीं हैं। ये दोनों पति-पत्नी ऐसे घरों का निर्माण करते हैं, जिसमें प्राकृतिक निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हो। स्थानीय परिवेश और वातावरण को ध्यान में रखकर बनाये गये इनके घरों में न तो किसी एसी की जरूरत है और न ही पंखे की।

पिता हुए लाचार, तो उच्च-शिक्षित बेटी बन गयी किसान, कर दी अंगूर की खेती से आय दुगनी!

By मानबी कटोच

डेढ़ साल तक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करने के बाद, उसने 2017 में अपनी नौकरी छोड़ दी और एक बार फिर से खेती संभालने के लिए वापस आ गई।

सौ रूपये से भी कम लागत में, गाँव-गाँव जाकर, आदिवासी महिलाओं को 'सौर कुकर' बनाना सिखा रहा है यह इंजीनियर!

By निशा डागर

गुजरात ग्रासरूट्स इनोवेशन ऑगमेंटेशन नेटवर्क में सीनियर मैनेजर का पद संभाल रहे अलज़ुबैर सैयद ने भारत के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में ईंधन की समस्या पर काम करते हुए 'सोलर कुकिंग अभियान' शुरू किया है। उन्होंने अब तक 100 से भी ज़्यादा गांवों में जाकर लोगों को सौर कुकर बनाना सिखाया है।

'एक एकड़ में 12 हज़ार पेड़' : मुंबई शहर के बीचो-बीच हो रहा है यह कमाल!

महाराष्ट्र के मुंबई में, 'ग्रीन यात्रा' नामक एनजीओ पूरे शहर भर में एक ख़ास जापानी 'मियावाकी तकनीक' से कम समय में घने जंगल उगा रहा है। इनका मिशन, साल 2025 तक 10 करोड़ पेड़ लगाना है और फ़िलहाल, साल 2019 में उन्होंने 10 लाख पेड़ लगाने की पहल शुरू की है |

गरीबी से लड़कर बनाई अपनी पहचान, 3, 000+ लड़कियों को सिखाई सिलाई और आज भी सफ़र जारी है!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाली छाया सोनावने सिलाई ट्रेनिंग सेंटर चलाती हैं। सिर्फ़ दसवीं तक पढ़ी छाया बेन ने गरीबी से लड़कर अपनी पहचान बनाई है। पिछले 31 सालों में उन्होंने 3, 000 से भी ज़्यादा लड़कियों को सिलाई करना सिखाया है और आज भी यह सिलसिला जारी है।

"मैं खुद अपना बॉस हूँ; कोई मुझे काम से निकाल नहीं सकता!"

By निशा डागर

पढ़िए मुंबई में रहने वाले इस मोची के बारे में, जिन्हें अपने काम से पूरी संतुष्टि है और उन्हें कोई डर नहीं कि कोई उन्हें काम से निकाल देगा। वे अब खुद अपने बॉस हैं।

अपना दर्द भूल कर, इस माँ ने केवल अपने बेटे को ही नहीं, बल्कि 71 बधीर बच्चों को बनाया सक्षम!

By मानबी कटोच

सुचिता और श्रीकांत बंसोड की स्वयं सेवी संस्था ‘एकविरा मल्टीपर्पस फाउंडेशन’ से आज 71 बधीर बच्चे नॉर्मल स्कूल में जा चुके हैं और फ़िलहाल यहाँ 55 बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

मुंबई: 22 साल की युवती ने स्टेशन को बनाया स्कूल, गरीब बच्चों को दे रही हैं मुफ़्त शिक्षा!

मुंबई में रहने वाली 22 वर्षीय हेमंती सेन को आप हर दिन कांदिवली स्टेशन स्काईवॉक पर 15 से भी ज़्यादा बच्चों को गिनती, वर्णमाला, शब्द, चित्रकारी आदि सिखाते हुए देख सकते हैं – वो भी बिना किसी फीस के! ये सभी बच्चे स्टेशन के आस-पास की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले भिखारियों के बच्चे हैं।

92 की उम्र में विश्व की सबसे ऊँची मूर्ती बनाने वाले इस भारतीय कलाकार की बनायी मूर्तियाँ 150 देशों की शोभा बढ़ा रहें हैं!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गोन्दुर गाँव में जन्में राम वंजी सुतार जी विश्व-प्रसिद्द मूर्तिकार हैं। अब तक उन्होंने लगभग 8, 000 छोटी-बड़ी मूर्तियाँ बनाई हैं। हाल ही में, उन्होंने 'स्टेचू ऑफ़ यूनिटी' सरदार पटेल की प्रतिमा का निर्माण किया है। यह दुनिया में अब तक की सबसे ऊँची प्रतिमा है।

अनार की आधुनिक खेती कर बदली लोगों की सोच, पद्म श्री विजेता है गुजरात का यह दिव्यांग किसान!

गुजरात के बनासकांठा जिले के सरकारी गोलिया गाँव के एक दिव्यांग किसान गेनाभई दर्गाभई पटेल को साल 2017 में पद्म श्री से नवाज़ा गया। गेनाभाई अनार की जैविक और आधुनिक खेती करके आज लाखों में कमा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने और भी किसानों को आधुनिक खेती करने की प्रेरणा दी है।