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मध्य-प्रदेश: भाई-बहन की इस जोड़ी को मिला बहादुरी पुरस्कार, इनका कारनामा सुन आप हैरान रह जायेंगें!

By निशा डागर

22 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश भर से चुने गये 26 बच्चों को 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' से नवाज़ा। इन बच्चों में मध्य-प्रदेश के मुरैना जिले से अद्रिका गोयल और उनके भाई कार्तिक गोयल को भी सम्मानित किया गया।

जानिए भारत के खेल-गाँव के बारे में, जहाँ हर घर में मिलेंगें खिलाड़ी!

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित पुरई गाँव भारत के खेल-गाँव के नाम से मशहूर है। इस गाँव में हर एक घर में आपको खिलाड़ी मिल जायेंगें। पिछले साल ही भारतीय खेल प्राधिकरण ने गाँव के 12 बच्चों को तैराकी के लिए चुना है। इन बच्चों को ओलिम्पिक के लिए तैयार किया जायेगा।

पुणे : इन छह छात्रों ने मिलकर बनाया है देश का पहला ट्रैफिक कंट्रोलिंग रोबोट!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के पुणे शहर में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक पुलिस की मदद के लिए एक रोबोट, 'रोडीओ' लॉन्च करने का फैसला किया है। यह रोबोट एक ट्रैफिक पुलिस अफ़सर के जैसे ही काम करेगा। इसे स्कूल में पढ़ रहे छह बच्चों ने मिलकर बनाया है।

गुजरात: प्रिंसिपल की इस अनोखी तरकीब से 2 किलो से 500 ग्राम हुआ स्कूल बैग का वजन!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद में भागड सरकारी प्राथमिक स्कूल के 41-वर्षीय प्रिंसिपल आनंद कुमार खलस की एक अनोखी पहल से स्कूल बैग के वजन को काफ़ी कम किया जा सकता है। उन्होंने सभी विषयों के पाठ्यक्रम को सिर्फ़ 10 किताबों में व्यवस्थित किया है। एक ही किताब में सभी विषयों के सिलेबस को एक महीने के हिसाब से लगाया है।

भारतीय सेना : मायनस 9 डिग्री में खुद रहे बाहर, बर्फ़ में फंसे हुए यात्रियों को दिया अपना बैरक!

By निशा डागर

28 दिसंबर 2018 को सिक्किम में भारी बर्फबारी के चलते लगभग 2, 500 टूरिस्ट नाथू ला और 17 मील क्षेत्र में फंस गये थे। ऐसे में भारतीय सेना के जवानों ने सभी को बचाने के लिए राहत बचाव कार्य शुरू किया। सैनिकों ने ना सिर्फ़ इन यात्रियों को बचाया बल्कि इन सभी के रहने और खाने-पीने का भी इंतजाम किया।

बाज़ार से प्लास्टिक का नहीं बल्कि खुद बीज बो कर उगाया अपना क्रिसमस ट्री!

By निशा डागर

क्रिसमस डे पर केरल के वायनाड जिले में एक 9वीं कक्षा के छात्र एलन ने कुछ अलग ही तरह का क्रिसमस पेड़ बनाया। उसने एक बड़े बांस के फ्रेम को मिट्टी से अच्छे से ढका और फिर इस मिट्टी में कंगनी (मलयालम में थीना) के बीज बो दिए। जैसे ही ये बीज अंकुरित होंगे, यह एक हरे-भरे क्रिसमस पेड़ की शक्ल ले लेगा।

वाराणसी : ईंट-भट्ठों के किनारे लगती है पाठशाला, 2000 से भी ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे है युवा!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में युवाओं का एक संगठन ईंट के भट्ठों पर मजदूरी करने वाले बच्चों के जीवन को सँवारने की मुहीम चला रहा है। संगठन का नाम है 'मानव संसाधन एवं महिला विकास संगठन' और इसकी शुरुआत की है डॉ. भानुजा शरण लाल ने। इनके प्रयासों से आज लगभग 1000 बच्चों का स्कूल में दाखिला हो चूका है।

इस सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल का दिन शुरू होता है शौचालय की सफाई से!

By निशा डागर

कर्नाटक के चामराजनगर जिले के होंगहल्ली गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर बी महादेश्वर स्वामी का दिन साफ़- सफाई से शुरू होता है। स्कूल के शौचालय से लेकर कक्षाओं तक सफाई हेडमास्टर साहब खुद करते हैं। उनके प्रयासों से स्कूल में काफी बदलाव आया है।

इस सॉफ्टवेयर की मदद से गरीब बच्चों को वापिस स्कूल से जोड़ रही हैं कैप्टेन इंद्राणी सिंह!

By निशा डागर

कैप्टेन इंद्राणी सिंह ने साल 1996 में हरियाणा के गुडगांव में लिटरेसी इंडिया एनजीओ शुरू किया। लिटरेसी इंडिया का मुख्य केंद्र आज गुरुग्राम के बजघेड़ा गाँव में है। इस एनजीओ का उद्देश्य गरीब बच्चों की शिक्षा की दिशा में काम करना था। इसके लिए उन्होंने ज्ञानतंत्र डिजिटल दोस्त उद्भव सोफ्टवेयर बनवाया है।

विले पार्ले कुआं हादसा: बिना अपनी परवाह किये दो युवकों ने बचाई औरतों और बच्चों की जान!

By निशा डागर

मुंबई के विले पार्ले में तृतीय पूजा के समय एक दुर्घटना हो गयी। कुछ औरतें और बच्चे एक बहुत ही पुराने कुए के पास इकट्ठे हुए थे। जिस एक स्लैब से ढका हुआ था। बच्चों के उस पर खेलने की वजह से स्लैब टूट गयी और कुछ औरतें व बच्चे उसमें गिर गये। जिन्हें जिग्नेश सोलंकी और प्रवीन सोलंकी नामक दो लोगों ने बचाया।