पुणे : इन छह छात्रों ने मिलकर बनाया है देश का पहला ट्रैफिक कंट्रोलिंग रोबोट!

महाराष्ट्र के पुणे शहर में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक पुलिस की मदद के लिए एक रोबोट, 'रोडीओ' लॉन्च करने का फैसला किया है। यह रोबोट एक ट्रैफिक पुलिस अफ़सर के जैसे ही काम करेगा। इसे स्कूल में पढ़ रहे छह बच्चों ने मिलकर बनाया है।

हाराष्ट्र के पुणे शहर में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक पुलिस की मदद के लिए एक रोबोट, ‘रोडीओ’ लॉन्च करने का फैसला किया है।

यह रोबोट एक ट्रैफिक पुलिस अफ़सर के जैसे ही काम करेगा और यात्रियों को ट्रैफिक नियमों के बारे में आगाह करेगा। पूरे देश में किसी भी ट्रैफिक डिपार्टमेंट द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला यह पहला रोबोट है। अगर पुणे का यह पायलट प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो इस रोबोट के और भी प्रोटोटाइप तैयार किये जायेंगें।

यह आईडिया शहर के एसपी रोबोटिक्स मेकर लैब के डेवलपर्स के दिमाग की उपज है। इस लैब में लोगों को रोबोटिक्स के बारे में पढ़ाया जाता है और साथ ही, ये लोग टेक्नोलॉजी पर खुद भी काम करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस रोबोट को लैब में रोबोटिक्स सीखने वाले छह बच्चों की एक टीम ने बनाया है।

इस टीम में शामिल है, आदि कंचंकर, पार्थ कुलकर्णी, रचित जैन, शौर्य सिंह, श्रुतेन पांडे और विनायक कृष्णा। इस रोबोट को बनाने के पीछे का उद्देश्य ट्रैफिक पुलिस की मदद करना और शहर में लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना है।

एसपी रोबोटिक्स मेकर लैब के हेड, संदीप गौतम ने बताया, “यह रोबोट पिछले साल कुछ महीनों में इन बच्चों ने बनाया है। ये सभी बच्चे सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्र हैं। इन्होंने चेन्नई की एक टीम के साथ इस प्रोजेक्ट पर अच्छा काम किया है। यह एक मल्टी-फंक्शनल रोबोट है जिसे हमारी टीम ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट को गिफ्ट किया है।”

इस रोबोट में 16 इंच की एक एलईडी डिस्प्ले लगाई गई है, जिस पर ट्रैफिक नियम और अन्य महत्वपूर्ण सन्देश आप पढ़ पायेंगें। रोबोट के हाथों को इस तरह से बनाया गया है कि वे वाहनों को दिशा-निर्देश दे सकते हैं और रोक सकते हैं। इस सबके आलावा इस रोबोट में एक साईरन और पहिये भी लगाये गये हैं।

शहर की डीसीपी तेजस्वी सातपुते ने बताया कि ये रोबोट 15 जनवरी 2019 से लॉन्च होगा और शहर के मुख्य चौक पर आप इसे देख पायेंगें।

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