फरीदाबाद में रहनेवाली ऋतू सिंह पिछले चार सालों से टेलर, बुटीक आदि से बचे हुए कपड़ों के टुकड़े, कतरन इकट्ठा कर जरूरतमंद बच्चों के लिए कपड़े, पाउच और बैग बनवाती हैं।
सरकारी स्कूल के छात्र राकेश, जो एक सिविल सेवक बनने का सपना देखते हैं, एक कठोर वास्तविकता का सामना कर रहे हैं। उन्हें और उनके जैसे अन्य लोगों को स्कूल में बने रहने के लिए आपकी सहायता की जरूरत है।
5 साल का अमित, अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने के लिए गुब्बारे बेचता है। मैकलोडगंज के पास भागसुनाग की सड़कों पर खड़े अमित के पांव में चप्पल नहीं है। लेकिन अपनी और दूसरों की परवाह इतनी कि खुद तो मास्क लगाया ही है, दूसरों से भी मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं।
पौधा वितरण के दौरान यह टीम बच्चों से करीब आधा घंटे का इंटरेक्शन करती है, जिसका परिणाम है कि अब तक वितरित किए गए पौधों की सर्वाइवल रेट 90% से ज़्यादा है।
Mizoram की राजधानी आइज़ोल से 15 किलोमीटर दूर स्थित गाँव नेइहबावी की निवासी लाल्रिन्नुंगी ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 97.2% अंक प्राप्त कर न सिर्फ़ अपने माता-पिता बल्कि पूरे गाँव का नाम रौशन किया है। 17, 000 प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए उसने यह टॉप रैंक प्राप्त की है।
22 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश भर से चुने गये 26 बच्चों को 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' से नवाज़ा। इन बच्चों में मध्य-प्रदेश के मुरैना जिले से अद्रिका गोयल और उनके भाई कार्तिक गोयल को भी सम्मानित किया गया।
बीते शनिवार को मणिपुर में देश के सबसे पहले चिल्ड्रन-फ्रेंडली(बच्चों के अनुकूल बने) पुलिस स्टेशन का उद्घाटन किया गया। मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले के महिला पुलिस स्टेशन में इसे शुरू किया गया है। इस खास पुलिस स्टेशन का उद्घाटन मणिपुर कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स (एमसीपीसीआर) की अध्यक्ष सुमतिबाला निंगथौजम ने किया।
देहरादून का प्रेम नगर पुलिस स्टेशन सुबह के 9:30 बजे से लेकर दिन के 3:30 बजे तक यह स्टेशन स्कूल के रूप में भी कार्य करता है। नंदा की चौक स्लम से गरीब बच्चे यहां पढ़ने के लिए आते हैं। इन बच्चों को आसरा ट्रस्ट एनजीओ के सदस्यों द्वारा पढ़ाया जाता है।
साल 2008 में बिहार सरकार ने राज्य में शिक्षा विभाग के अंतर्गत पटना में किलकारी बाल भवन की शुरुआत की। इसे शुरू करने का मुख्य उद्देश्य गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा व व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। किलकारी के अंतर्गत गुल्लक बच्चा बैंक की पहल की गयी। इस बैंक ने लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी जगह बनाई है।