अनूप और जैस्मीन वीकेंड में ऑफिस के बाद 13-14 घंटे ड्राइव कर के गुनेहर गाँव तक जाते हैं। वहाँ वे बच्चों को हर वो चीज़ सिखाने की कोशिश करते हैं जो शहर के बच्चे सीखते हैं जैसे एक्टिंग, म्यूज़िक, आर्ट आदि।
66 वर्षीय हलधर नाग की कोसली भाषा की कविता पाँच विद्वानों के पीएचडी अनुसंधान का विषय भी है। इसके अलावा, संभलपुर विश्वविद्यालय इनके सभी लेखन कार्य को हलधर ग्रंथाबली -2 नामक एक पुस्तक के रूप में अपने पाठ्यक्रम।
हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में सुमित्रानन्दन पन्त, जयशंकर प्रसाद और सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के साथ-साथ महादेवी वर्मा का नाम शामिल होता है। हिंदी साहित्य की प्रख्यात कवयित्री और लेखिका, महादेवी वर्मा अपनी रचनाओं से साहित्य पर अमिट छाप छोड़ी है।
हिंदी साहित्य की दुनिया 'अज्ञेय' उपनाम से मशहूर सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यानंद का जन्म 7 मार्च 1911 को उत्तर- प्रदेश में कुशीनगर के कस्या में हुआ था। साहित्यकार होने के साथ- साथ वे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे, जिन्होंने शहीद भगत सिंह के साथ मिलकर आज़ादी की लड़ाई में भाग लिया था।
16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक एक गाँव में जन्मीं सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। राष्ट्रीय चेतना के प्रति सजग इस कवियत्री के काव्य में आपको 'वीर रस' की आभा मिलेगी। उनकी कविता, 'झाँसी की रानी' के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
मैं उस ख़त को लेकर मुंडेर पर जा कर बैठ गया सुबह की चाय के साथ. वो बरसात का मौसम था. मुझे कहीं जाना नहीं था तो मैं बैठा ही रहा. बरसात बीती तो शिशिर आया. फिर शरद, बसंत, हेमंत, ग्रीष्म और फिर से वर्षा.