खनन गतिविधियों से झारखंड के कई जिलों में प्रदूषण, जैव विविधता असंतुलन और बंजर जमीनें बढ़ रही हैं। ऐसे समय में एक पहल ने जैव विविधता एवं पर्यावरण संरक्षण को बहाल कर एक मिसाल कायम कर दी है।
खुदाई के दौरान कई बड़े-बड़े ऐसे पत्थर मिले, जिनको काटकर डोभा बनाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन सा लगता था। इन पत्थरों को तोड़ते हुए दोनों घायल भी हुए, लेकिन इन दोनों ने हिम्मत नहीं हारी।
झारखंड में आज भी लाखों की आबादी डिजिटल माध्यमों से काफी दूर है। लॉकडाउन के इस समय में ऐसे परिवार के बच्चों की पढ़ाई लगातार बाधित है जिनके घर न तो टीवी है और न ही स्मार्टफोन।
झारखंड के 2.46 लाख सखी मंडल से करीब 32 लाख ग्रामीण महिलाएं जुड़ी है, इस शानदार नेटवर्क का उपयोग जिला प्रशासन एवं सरकार के द्वारा दूरस्थ इलाकों तक सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत स्वच्छता समेत अन्य जागरुकता संदेश के प्रसार के लिए भी किया जा रहा है ताकि स्थानीय समुदाय तक सही सूचनाएं पहुंच सके।