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किसानों को उद्यमी बनाने के लिए छोड़ी पत्रकारिता, 2500+ किसानों को दे चुके हैं प्रशिक्षण

झारखंड के देवघर में रहने वाले कृष्ण कुमार कन्हैया ने अपने 20 वर्षों के पत्रकारिता कैरियर ने दौरान, अन्न दाता, समय चौपाल जैसे कई लोकप्रिय कृषि आधारित कार्यक्रमों को चलाया है। लेकिन, जब उन्हें लगा कि किसानों की बेहतरी के लिए उन्हें कुछ अलग पहल करनी चाहिए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और लग गए किसानों को नई राह दिखाने में।

जज्बे को सलाम: उम्र महज 15 साल, लेकिन गुल्लक में पैसे जमा कर बना डाले 10 शौचालय

जिस उम्र में बच्चों का ध्यान केवल और केवल खेलकूद और मनोरंजन में रहता है, ऐसी उम्र में झारखंड की इस बच्ची ने गुल्लक में पैसे इकट्ठा कर 10 शौचालय का निर्माण करा चुकीं हैं।

झारखंड: 'ऑनलाइन' नहीं 'ऑन वॉल' चलती है इस प्रेरक शिक्षक की पाठशाला

झारखंड के इस गाँव के बच्चों के पास शहरी बच्चों की तरह न स्मार्ट फोन था न इंटरनेट, ऐसे में उनके प्रिंसिपल डॉ. सपन कुमार ने यह कदम न उठाया होता तो शायद वे शिक्षा से वंचित ही रह जाते।

झारखंड: कारोबार बंद हुआ तो इस युवक ने कर दिया 'मैजिक बल्ब' का आविष्कार

झारखंड के कामदेव जमशेदपुर में इमरजेंसी लाइट बेचने का काम करते थे, लेकिन इसी कड़ी में उन्होंने हाथ के छूने से जलने वाले बल्ब से लेकर सेंसर और रिमोट से जलने वाले बल्ब का आविष्कार कर दिया।

ज़ोमाटो डिलीवरी बॉय ने बना दी इलेक्ट्रिक-सोलर साइकिल, इसी से करते थे इको-फ्रेंडली डिलीवरी

By निशा डागर

इंद्रजीत सिंह ने सोलर साइकिल के अलावा एग्री-मशीन और मल्टी पर्पज ड्रोन भी बनाया है!

जिसका नाम तक नहीं सुना था, आज उसी 'लेमन ग्रास' की खेती से लाखों कमा रहीं हैं ये महिलाएँ

By कुमार विकास

झारखंड की इन महिला किसानों द्वारा की जा रही लेमन ग्रास की खेती की चर्चा प्रधानमंत्री भी मन की बात कार्यक्रम में कर चुके हैं।

अपनी 26 माह की बेटी को खोने के बाद इस दंपत्ति ने दान की उसकी आँखें, दो को मिली ज़िंदगी

By कुमार विकास

वंशिका के माता-पिता की इच्छा किडनी व हार्ट डोनेशन की भी थी, लेकिन उनकी एक ही इच्छा आँखों के डोनेशन के रुप में पूरी हो पाई।

झारखंड के इस गाँव के लोगों ने बाँस से बनाया 100 फीट लंबा झूलता हुआ पुल

By कुमार विकास

नदी के दोनों किनारों पर बड़े-बड़े पेड़ों पर तार खींचकर उस पर बांस बिछाकर पुल में चलने के रास्ते तैयार किए गये और करीब 25 से 30 दिनों की मेहनत के बाद कटांग का झूला पुल आज लोगों का संकटमोचक बनकर तैयार है।

पति के गुजरने के बाद मजदूरी करती थीं माँ-बेटी, आज नई तरह की खेती से बनीं लखपति!

By कुमार विकास

बीलो का जीवन अब पूरी तरह से बदल गया है उनकी छोटी बेटी ने अब ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है और खेती का पूरा हिसाब भी वही रखती है।