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'लाख की खेती' से हो रही लाखों में कमाई, झारखंड की 75 हज़ार महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर

By प्रीति टौंक

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) से जुड़कर, झारखंड के पिछड़े गांवों की महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। लाख की वैज्ञानिक खेती (lac farming) को अपनाकर कमा रही हैं, 50 हजार से एक लाख रुपये तक का सालाना मुनाफा।

वोकल फॉर लोकल की मिसाल है शोभा कुमारी की कला, 1000+ महिलाओं को दी है फ्री ट्रेनिंग

By निशा डागर

रांची, झारखंड की रहने वाली शोभा कुमारी, पिछले 27 सालों से हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अपने संगठन ‘सृजन हैंडीक्राफ्ट्स’ के जरिए, वह हैंडीक्राफ्ट बैग और मिट्टी की गुड़िया जैसी चीज़ें बना रही हैं। उन्होंने अब तक हजार से ज्यादा महिलाओं को निःशुल्क ट्रेनिंग दी है। साथ ही, वह 40 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।

झारखंड: नौकरी छोड़, शुरू की फूलों की खेती, आमदनी हुई दोगुनी

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गोहला गाँव के रहने वाले मधु हांसदा ने नौकरी छोड़, जरबेरा फूल की खेती शुरू की, जिससे उनकी कमाई दोगुनी हो गई है।

लाखों की नौकरी छोड़, किया सैनिटरी पैड बनाने का काम, आदिवासी महिलाओं को दिया सम्मानित जीवन

रांची के रहने वाले वन्या वत्सल और गुंजन गौरव ने अपनी नौकरी छोड़, सेनेटरी पैड बनाने का बिजनेस शुरू किया। इसके तहत उनका उद्देश्य वंचित महिलाओं को एक सम्मानित जीवन और रोजगार का बेहतर साधन देना है।

झारखंड के 8000+ किसानों के ‘जल संकटमोचक’ बने एक पत्रकार, जानिए कैसे

झारखंड के खूंटी में भीषण जल संकट को देखते हुए सेवा वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक अजय शर्मा “बोरी बाँध” के विचार के साथ आए। इससे 70 गाँवों के 8000 किसानों के लिए निर्बाध पानी की व्यवस्था सुनिश्चित हुई।

झारखंड: इस IFS अधिकारी ने अपने प्रयासों से 5000 हेक्टेयर के वन क्षेत्र को दिया नया जीवन!

आईएफएस अधिकारी विकास उज्जवल ने झारखंड के लोहरदगा जिले में वन प्रमंडल अधिकारी के रूप में अपना पदभार संभालने के बाद, यहाँ 3 लाख से अधिक पौधे लगाए गए। जिससे जंगल की समृद्ध जैव विविधता को पुनर्स्थापित करने में मदद मिली।

ठंड में ठिठुरने को मजबूर थे इस गाँव के लोग, इन युवाओं ने पॉकेट मनी बचाकर बिखेरी मुस्कान

सारदाह गाँव के लोगों की दैनिक आमदनी 50 रुपए है, जिस वजह से सर्दी के मौसम में इनके लिए गर्म कपड़े खरीदना आसान नहीं है।

पॉलिथीन दीजिए, पौधे लीजिए: प्लास्टिक के बदले बांटे लगभग 1 लाख पौधे

By निशा डागर

'पॉलिथीन डोनेट मिशन' के तहत उपेन्द्र पांडेय लोगों को बेकार और पुरानी पॉलिथीन कचरे में फेंकने की बजाय उन्हें देने के लिए कहते हैं और फिर इन्हीं में बांटने के लिए पौधे तैयार करते हैं!

भाई-बहन का अनूठा प्रयोग, साइकिल चक्की से कसरत के साथ कुछ ही देर में पिस जाएगा गेहूँ

साइकिल और अनाजों को पीसने के लिए चक्की, दोनों की प्रकृति एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है, लेकिन जमशेदपुर के रहने वाले मंदीप तिवारी और उनकी बहन सीमा ने मिलकर लॉकडाउन के दौरान कसरत करने वाली साइकिल से जुगाड़ कर आटा चक्की बना दी।

बदहाल भवनों को लाइब्रेरी का रूप दे रहा झारखंड का यह आईएएस अधिकारी

झारखंड के जामताड़ा के जिलाधिकारी आईएएस फैज अहमद ने, जिले में पुस्तकालयों को बढ़ावा देने के लिए अनोखी पहल छेड़ी है। इसके तहत उन्होंने पिछले एक महीने में सात बेकार भवनों को पुस्तकालय का रूप दे दिया।