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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

पिता की मौत से टूट रेसलिंग छोड़ना चाहती थीं पूजा, लेकिन उनके सपने के लिए वापसी कर जीता पदक

कॉमनवेल्थ खेलों में हरियाणा के हांसी की पूजा सिहाग ने देश के लिए रेसलिंग में कांस्य पदक जीता। लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब पूजा रेसलिंग छोड़ना चाहती थीं।

3 साल की अनपेड लीव लेकर पिता ने दिलाई कोचिंग, नीतू ने गोल्ड लाकर पूरा किया सपना

हरियाणा के भिवानी जिले स्थित धनाना गांव की रहनेवाली बॉक्सर नीतू गंगस का नाम मुक्केबाजी के फलक पर चमक रहा है। उन्होंने इंग्लैंड के बर्मिंघम में महिला वर्ग की मिनिमम वेट कैटेगरी (45-48 किग्रा) में गोल्ड मेडल जीता। जीत के बाद नीतू के कोच भास्कर भट्ट बेहद भावुक थे।

इंडियाज़ वॉटर वॉरियर्स! देश के असल हिरोज़ को द बेटर इंडिया करेगा सम्मानित, अभी करें नॉमिनेट

By पूजा दास

जल संरक्षण की दिशा में बेहतरीन काम करने वाले और गहरे प्रभाव पैदा करने वाले नायकों को सम्मानित करने के लिए द बेटर इंडिया ने 'इंडियाज़ वॉटर वॉरियर अवॉर्ड' की शुरुआत की है, पढ़ें कैसे करें नॉमिनेशन।

गरीब बच्चों के टैलेंट को निखारने के लिए छोड़ा बॉलीवुड, 3000 बच्चों को सिखाया फ्री में डांस

By पूजा दास

विनय शर्मा ने स्लम में रहनेवाले बच्चों की मदद के लिए बॉलीवुड की दुनिया छोड़कर ‘डांस आउट ऑफ पावर्टी’ नाम से एक पहल की शुरुआत की है, जिसके ज़रिए वह अब तक दिल्ली की झुग्गियों में रहनेवाले 3,000 से ज्यादा लोगों को मुफ्त में डांस की ट्रेनिंग दे चुके हैं।

बूस्टर डोज़ लगवाओ और चंडीगढ़ के इस फ़ूड स्टॉल पर जाकर फ्री में छोले भटूरे खाओ

By प्रीति टौंक

पिछले साल चंडीगढ़ के संजय राणा, कोरोना वैक्सीन लेनेवालों को मुफ्त में छोले भटूरे खिलाकर देशभर में मशहूर हो गए थे और इस साल भी बूस्टर डोज़ की धीमी गति को देखकर उन्होंने फिर से मुफ्त में खाना खिलाना शुरू कर दिया है।

कभी भाला खरीदने के नहीं थे पैसे, गन्ने को भाला बना करती थीं अभ्यास, आज देश के लिए जीता पदक

कामनवेल्थ गेम्स-2022 में भारत की अन्नू रानी ने इतिहास रच दिया। 60 मीटर दूर भाला फेंककर, वह कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए जैवलिन थ्रो में पदक हासिल करने वाली पहली महिला बनीं। दरअसल, चोटिल होने की वजह से ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं लिया था।

1978 में अमी घिया ने कॉमनवेल्थ में जीता था पहला पदक, आज भी नए खिलाड़ियों से लेती हैं सीख

आज बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु, साइना नेहवाल का नाम बच्चा बच्चा जानता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से 44 साल पहले, 1978 में कॉमनवेल्थ में भारत की तरफ से खेल रहीं शटलर अमी घिया ने इतिहास रचा था। वह देश की पहली ऐसी महिला थीं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ खेलों में पदक जीता था।

टूटा छाता आपके किसी काम का भले न हो, लेकिन यह कई चेहरों पर मुस्कान ला सकता है, पढ़ें कैसे?

By प्रीति टौंक

मुंबई के विमल चेरंगट्टू अपने दोस्तों के साथ मिलकर द कवर प्रोजेक्ट नाम से एक अभियान चला रहे हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने साल 2018 में एक गरीब बच्ची को छाता देकर की थी। आज वह डोनेशन और पब्लिक फंडिंग की मदद से हजारों ज़रूरतमंद लोगों तक छाता सहित अन्य ज़रूरी सामान पंहुचा रहे हैं।

चाचा चौधरी व साबू का किरदार गढ़ने वाले प्राण, जिन्होंने देश को दिए कई और मज़ेदार किस्से

By प्रीति टौंक

एक दौर वह भी था, जब हर बच्चा चाचा चौधरी का दीवाना था और इसके रचनाकार प्राण कुमार शर्मा बुनते थे साबू और चाचा की रोचक कहानियां। पढ़ें, उनके जीवन से जुड़ी कुछ मज़ेदार बातें।

जिन बच्चियों को माता-पिता ने नहीं अपनाया, उन बेटियों के पिता बने बिहार के हरे राम पाण्डेय

By प्रीति टौंक

देवघर (झारखण्ड) में रहनेवाले हरे राम पाण्डेय, 9 दिसम्बर 2004 से उन सभी बेटियों के पिता बनकर सेवा कर रहे हैं, जिन्हें उनके खुद के माता-पिता ने लावारिस छोड़ दिया था।