याद है कंप्यूटर से भी तेज़ चाचा चौधरी का दिमाग और तूफान सी ताकत रखने वाले साबू की कहानियां, जो बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबके चेहरे पर हंसी ला देती थीं। भारत के इन मशहूर कार्टून किरदारों से हम सभी को प्यार है और उतना ही प्यार और सम्मान इसे रचने वाले प्राण कुमार शर्मा के लिए भी है।
प्राण कुमार शर्मा ने ही चाचा चौधरी के किरदार की कहानियां लिखीं और इस किरदार को हमेशा के लिए अमर कर दिया। वह दौर OTT और सोशल मीडिया का नहीं था, इसलिए लोग मनोरंजन के लिए खूब कॉमिक्स पढ़ा करते थे।
प्राण के रचे कई किरदारों ने भारत की कॉमिक किताबों को दुनियाभर में मशहूर कर दिया था। फिर चाहे वे चाचा चौधरी और साबू हों या बिल्लू, पिंकी, रमन और श्रीमती जी की कहानियां। इनके सभी किरदार भारतीय समाज का एक आईना थे, जिनसे हर कोई प्रभावित हो जाता था। दरअसल, उन्होंने देखा कि भारतीय बच्चों के मन पर बैटमैन और सुपरमैन जैसे विदेशी कार्टूनों ने काफी अच्छा प्रभाव डाला है।
वैसे ही वह कोई भारतीय किरदार बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने भारतीय सामान्य व्यक्ति का ही किरदार चाचा चौधरी के लिए चुना, जिसकी बड़ी-बड़ी मूछें थीं और सिर पर बाल नहीं थे। बुजुर्ग होने के बावजूद, चाचा चौधरी काफी चालाक और होशियार किरदार था। इसलिए यह किरदार लोगों को काफी पसंद आया।
प्राण कुमार शर्मा ने कैसे तय किया पद्म श्री तक का सफर?
प्राण कुमार शर्मा का जन्म 15 अगस्त 1938 को लाहौर में हुआ था। लेकिन बंटवारे के बाद वह अपने परिवार सहित मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने के लिए आ गए थे। उन्होंने मुंबई के जेजे आर्ट्स कॉलेज से प्रशिक्षण किया और फाइन आर्ट में डिग्री हासिल की। इसके साथ ही प्राण कुमार शर्मा, राजनीति शास्त्र में एमए भी कर चुके थे।
जब प्राण कुमार शर्मा ने एक कार्टूनिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की, तब उन्होंने दैनिक मिलाप नाम के एक अखबार के लिए डब्बू नाम के किरदार का चित्र बनाना शुरू किया। इसके बाद, उन्होंने चाचा चौधरी के किरदार को लोटपोट नाम की एक हिंदी पत्रिका के माध्यम से मशहूर कर दिया।
उस समय ज्यादातर यूरोपीय कॉमिक स्ट्रिप्स, भारतीय समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती थीं। लेकिन पब्लिशिंग हाउस ‘डायमंड कॉमिक्स’ ने प्राण के कार्टून प्रकाशित किए और उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया।
प्राण कुमार शर्मा के गढ़े किरदार चाचा चौधरी पर बनी टेलीविज़न सीरीज़

प्राण के बनाए चाचा चौधरी के किरदार के 10 भाषाओं के समाचार पत्रों और कॉमिक पुस्तकों के ज़रिए 10 मिलियन से अधिक पाठक हैं और इस कॉमिक स्ट्रिप को इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट, (यूएसए) में भी प्रदर्शित किया गया था। बाद में इस पर एक टेलीविज़न सीरीज़ भी बनी।
आज प्राण कुमार शर्मा हमारे बीच नहीं हैं, साल 2014 में ह्रदय रोग के कारण उनका निधन हो गया था। उन्हें मरणोपरांत साल 2015 में पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया। इसके अलावा, साल 2001 में प्राण कुमार शर्मा को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कार्टूंस की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया था। साल 1995 में भी लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से प्राण कुमार शर्मा को पीपल ऑफ द इयर के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
कार्टून की दुनिया में देश को विश्वभर में मशहूर करने और हम सभी को चाचा चौधरी और साबू जैसे मज़ेदार किरदार देने के लिए प्राण कुमार शर्मा को द बेटर इंडिया का सलाम।
संपादनः अर्चना दुबे
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