हम जब भी राष्ट्रगान की धुन पर सावधान में खड़े होते हैं, तो हमें इसे लिखने वाले महाकवि रबीन्द्रनाथ टैगोर की ही याद आती है। पर क्या आप जानते हैं कि यह धुन किसने बनायी थी?
राजकुमारी की क्रांतिकारी गतिविधियों का सच काकोरी कांड के बाद खुला। शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि काकोरी कांड में सेनानियों के लिए हथियार पहुंचाने की ज़िम्मेदारी राजकुमारी ने ली थी।
बीजों वाले इस झंडे को सीड पेपर से बनाया जाता है। सीड पेपर एक बायोडिग्रेडेबल पेपर होता है जिसमें अलग-अलग किस्म के बीज होते हैं। पेपर को मिट्टी में दबाने पर ये बीज अंकुरित हो जाते हैं और कुछ दिनों में ये पौधे बनने लगते हैं!
'जय हिंद' का नारा देने वाले आबिद हसन हैदराबाद के ऐसे परिवार में बड़े हुए जो उपनिवेशवाद का विरोधी था। किशोरावस्था में ही ये महात्मा गांधी के अनुयायी बन गए।
बाल गंगाधर तिलक द्वारा अपने अखबार ‘केसरी’ में इस्तेमाल की जाने वाली उत्तेजक भाषा से प्रभावित होकर इन्होंने रैंड के ख़िलाफ क़दम उठाने का फ़ैसला किया, क्योंकि उसने पुणे के कई परिवारों को अपमानित किया था।