Powered by

Latest Stories

Homeइतिहास के पन्नों से

इतिहास के पन्नों से

History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

Bodhi Tree: पीपल की वे टहनियां, जिनके जरिए सम्राट अशोक ने दुनिया में किया ‘धम्म' का प्रचार

बोधि वृक्ष वही पेड़ है, जिसके नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। अतीत में इस पेड़ को मिटाने की कई कोशिशें हुईं, लेकिन 2500 से अधिक वर्षों से यह इंसानी सभ्यता को एक नया अर्थ दे रही है।

Incredible India: भारत के इस मंदिर में है विश्व का सबसे पुराना लिखित ज़ीरो

ग्वालियर का चतुर्भुज मंदिर, दुनिया के सबसे पुराने लिखित शून्य का प्रतीक है। पढ़ें, प्राचीन भारत के शून्य से जुड़ने की बेहद रोचक कहानी।

नेताजी के पीछे छिपे थे एक नर्म दिल सुभाष, जिन्हें सिर्फ एमिली ने जाना, पढ़िए उनके खत

By प्रीति टौंक

सुभाष चंद्र बोस ने भले ही खुलकर कभी अपने प्यार के बारे में बात न की हो, लेकिन उनके लिखे खत उनके और एमिली के प्यार की गवाही देते हैं।

Ajanta Caves: वह ऐतिहासिक कहानी, जब अंग्रेज बुद्ध की हजारों छवियां देख रह गए थे हैरान

अजंता की गुफाओं की खोज 1819 में एक सैनिक अधिकारी जॉन स्मिथ ने की। सह्याद्रि पर्वतमाला में बनीं ये गुफाएं सदियों से निर्वाण का प्रवेश द्वार बनी हुई हैं। पढ़िए इसके खोज की रोचक कहानी।

Emperor Raj Raja I: दक्षिण का वह चोल शासक, जिसमें दिखती है समुद्रगुप्त की छवि

राज राजा प्रथम ने अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के साथ ही धर्म, संस्कृति और वास्तुकला को भी एक नया आयाम दिया। उनके द्वारा स्थापित मानक आज भी तमिल संस्कृति में देखने को मिलती है।

सम्राट अशोक के शब्दों वाली शिलालेखों पर उनके नाम की जगह, क्यों लिखा था 'पियादसी'?

अगर सम्राट अशोक (Ashoka The Great) के इन शिलालेखों की खोज नहीं की गई होती, तो उनके दूरदर्शी मूल्य और प्रशासनिक प्रतिभा के बारे में लोग कभी नहीं जान पाते।

समुद्रगुप्त: 'भारत का नेपोलियन' कहा जाने वाला वह राजा, जिन्होंने स्वर्ण युग की नींव रखी

सम्राट समुद्रगुप्त, गुप्त राजवंश के दूसरे राजा थे। ‘भारत का नेपोलियन’ कहे जाने वाले इस शासक को देश में ‘स्वर्ण युग’ का जनक माना जाता है।

आनंदी कैसे बनीं भारत की पहली महिला डॉक्टर, उनकी चिट्ठियां बयान करती हैं संघर्ष की कहानी

आनंदी गोपाल जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टर (First Female Doctor Of India) थीं। पढ़ें ऐसा क्या था, जिसने उन्हें समाज के विरोध के बावजूद, विदेशी शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित किया।

जानें क्यों कहा जाता था भारत को विश्वगुरु और इसमें नालंदा का कितना रहा योगदान

By अर्चना दूबे

'नालंदा विश्वविद्यालय' में दूर-दूर से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। यह, प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध केन्द्र था। जानें नालंदा विश्वविद्यालय का स्वर्णिम इतिहास।

निर्मल वर्मा: आपके 'अकेलेपन का लेखक'

निर्मल वर्मा ने अपने जीवन में ‘वे दिन’, ‘लाल टीन की छत’ जैसी कई रचनाओं को अंजाम दिया। लेखनी में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।