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इतिहास के पन्नों से

History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

क्या आप जानते हैं, भारतीय जंगलों में सबसे पहले बाघ की तस्वीरें किसने ली थीं?

By पूजा दास

क्या आप जानते हैं कि भारत के जंगल में बाघ की पहली तस्वीरें किसने और कैसे ली थी? पढ़िए क्या थी वह तकनीक, जिसने वन्य जीवों और वहां के जीवन को देखने का नज़रिया ही बदल दिया।

10 दुर्लभ तस्वीरें, जो भारत और भारतीय इतिहास को और करीब से जानने का देती हैं मौका

By अर्चना दूबे

इतिहास में झांककर देखेंगे, तो आप कई ऐसे शख्सियतों और नायकों के सामने खुद को खड़ा पाएंगे, जिन्होंने देश को महान ऊंचाइयों पर पहुंचाया, तो चलिए महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान आगे आने वालों और उनके योगदानों की कुछ दुर्लभ तस्वीरों के ज़रिए उन बीते युगों की यात्रा करें।

कौन थे जगत सेठ, जिनसे अंग्रेज़ भी लिया करते थे क़र्ज़?

By अर्चना दूबे

‘जगत सेठ’ एक नाम नहीं, बल्कि पदवी है, जो फ़तेह चंद को मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह ने 1723 में दी थी। इसके बाद यह पूरा परिवार ‘जगत सेठ घराना’ के नाम से मशहूर हुआ।

एशिया का पहला ग्रैंडमास्टर! एक ऐसा शतरंज जीनियस, जो हर बाधा पार कर बना 'मास्टर सुल्तान'

By पूजा दास

आज ‘मीर सुल्तान खान’ के नाम पर शायद धूल की परत जम गई है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अपने समय में शतरंज की बिसात पर उन्होंने अच्छे-अच्छों को मात दी है।

जयपुर का महावीर रबड़ी भंडार! 140 साल पुराना है इतिहास, चौथी पीढ़ी की बेटी संभाल रही विरासत

By प्रीति टौंक

जयपुर की हर गली में आपको महावीर रबड़ी भंडार नाम की कोई न कोई दुकान मिल ही जाएगी। पढ़ें, शहर की पहचान बन चुके इस ब्रांड की कहानी।

भारत की पांच प्राचीन कलाएं, जो समय के साथ खो गई हैं

By प्रीति टौंक

विविधताओं का देश भारत, जहां हर क्षेत्र की अपनी भाषा और कला है। लेकिन समय के साथ देश की पारम्परिक कलाएं खो रही हैं। कुछ के तो नाम भी आपने नहीं सुने होंगे।

पढ़ें, आज़ाद भारत की पहली महिला पायलट ने बंटवारे के दौरान भारतीयों को कैसे बचाया?

By पूजा दास

उषा सुंदरम ने देश के आजाद होने के बाद, भारतीय आसमान में उड़ान भरने वाली पहली महिला होने का खिताब अपने नाम किया। आज देश के विमानन उद्योग में, भारतीय महिला पायलटों की संख्या 15 प्रतिशत है, जबकि वैश्विक औसत केवल 5 प्रतिशत ही है। लेकिन उस समय, कॉकपिट में एक महिला का होना एक असाधारण बात थी।

"रमा, तुम मेरी जिंदगी में न आती तो?" डॉ. भीमराव आंबेडकर का पत्नी के नाम प्यार भरा खत

By मानबी कटोच

मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है। यशवंत की याद आती है। मैं समझता नहीं हूं, ऐसा नहीं है रमा, मैं समझता हूं कि तुम इस आग में जल रही हो। पत्ते टूटकर गिर रहे हैं और जान सूखती जाए ऐसी ही तू होने लगी है। पर रमा, मैं क्या करूं? एक तरफ से पीठ पीछे पड़ी दरिद्रता और दूसरी तरफ मेरी जिद और लिया हुआ दृढ संकल्प।

चौरी-चौरा कांड क्या है? क्यों सुनाई गयी 172 मतवालों को एक साथ फांसी की सजा?

चौरी-चौरा कांड क्या है? आजादी की लड़ाई में, 1857 की क्रांति के बाद, क्यों सबसे महत्वपूर्ण कड़ी माना जाता है इसे?