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इतिहास के पन्नों से

History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

“हर कोई सचिन नहीं हो सकता…” : वह माँ जिन्होंने दिया शतरंज के इतिहास का सबसे महान खिलाड़ी

विश्वनाथन आनंद की गिनती शतरंज के इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में होती है। उन्होंने अपने जीवन में पांच बार वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप जीता है। आनंद की इस सफलता के पीछे उनकी माँ सुशीला आनंद का बड़ा हाथ है।

कौन थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर बदला हबीबगंज स्टेशन का नाम

भोपाल में 1979 में बने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम हाल ही में बदलकर, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया। पर, कौन थीं रानी कमलापति? पढ़िए उनकी पूरी कहानी!

Khudiram Bose: 18 साल, 8 महीने, 8 दिन के थे खुदीराम, जब हँसते-हँसते दे दी देश के लिए जान

By अर्चना दूबे

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे युवा क्रांतिकारियों में से एक, खुदीराम को महज़ 18 वर्ष की उम्र में 11 अगस्त, 1908 को फांसी दे दी गई थी। उस वक्त उनकी उम्र ठीक 18 साल, आठ महीने और आठ दिन थी।

रानी राशमोनी: एक बंगाली विधवा महिला, जिसने अकेले दी थी ईस्ट इंडिया कंपनी को मात

रानी राशमोनी एक भूली बिसरी नायिका हैं, जिन्होंने वास्तव में रानी ना होने के बावजूद, लोगों के दिलों पर इस हद तक राज़ किया कि आज भी उन्हें सम्मान से रानी के रूप में ही याद किया जाता है।

सम्राट अशोक: पुराने इतिहासकार मानते थे साधारण शासक, जानिए कैसे दूर हुई गलतफहमी

सम्राट अशोक (Emperor Ashoka) को कलिंग जीतने से पहले चंडाशोक और कालाशोक जैसे नामों से जाना जाता था। लेकिन, इस युद्ध ने उनके हृदय को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया। आगे उन्होंने अपनी धम्म नीति के तहत दुनिया को जो सीख दी, आज वह हमारी सबसे बड़ी पहचान है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!

ज्योतिबा फुले: वह महात्मा, जिन्हें अपना गुरू मानते थे बाबा साहब अंबेडकर

महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को पुणे में एक माली परिवार में हुआ था। उन्होंने देश में दलितों और महिलाओं को सामाजिक न्याय देने के लिए संघर्ष की शुरुआत की। यही कारण है कि संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर उन्हें अपना तीसरा गुरू मानते थे। पढ़ें यह प्रेरक कहानी!

डॉ. वर्गिस कुरियन: वह शख्स, जिन्होंने सरदार पटेल के विचार को दिया क्रांति का रूप

डॉ. वर्गिस कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को कालीकट में हुआ था। उन्हें भारत में श्वेत क्रांति का जनक कहा जाता है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!

जगदीश चंद्र बोस: जानिए क्यों नोबेल जीतने से चूक गए यह महान वैज्ञानिक

जगदीश चंद्र बोस के पिता ब्रिटिश सरकार में एक बड़े अधिकारी थे। फिर भी, उन्होंने बेटे को एक बांग्ला स्कूल में भेजा। यहां बोस किसानों और मजदूरों के बच्चों के साथ पढ़ते थे, जिससे उनके भीतर प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना जागी।

मीराबेन: वह ब्रिटिश महिला, जिन्हें गांधी जी का साथ देने के लिए कई बार जाना पड़ा था जेल

ब्रिटिश महिला ‘मेडेलीन स्लेड’ की ‘मीराबेन’ बनने की अनकही कहानी, जानिए यहां!

वह भूला-बिसरा गांव, जिसने भारत की टेलीविजन क्रांति में निभाई सबसे बड़ी भूमिका

खेड़ा कम्युनिकेशंस प्रोजेक्ट के लिए अहमदाबाद के इसरो कैम्पस में कई वैज्ञानिक, इंजीनियर, लोक संस्कृति विशेषज्ञ और फिल्म निर्माता जमा हुए। यह वास्तव में कुछ ऐसा था, जिसे दुनिया के किसी स्पेस एजेंसी में पहले कभी नहीं देखा गया।