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इतिहास के पन्नों से

History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

विजय सिंह 'पथिक': वह क्रांतिकारी पत्रकार, जिनके किसान आंदोलन के आगे झुक गये थे अंग्रेज़!

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार, विजय सिंह 'पथिक' का जन्म उत्तर-प्रदेश के बुलंदशहर जिले में गुठावली कलाँ नामक गाँव में साल 1882 में 27 फरवरी को हुआ था। उन्होंने राजस्थान के लोगों में जनक्रांति लाकर, इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा। साल 1954 में उनका निधन हुआ।

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय : जिसने एक भाषा, एक साहित्य और एक राष्ट्र की रचना की!

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म 27 जून, 1883 को पश्चिम बंगाल में मिदनापुर में हुआ। उनके पिता डिप्टी अधिकारी थे। उन्होंने वकालत की पढ़ाई की। पर बाद में, उन्होंने बंगाली पत्रिका, 'बंगदर्शन' प्रकाशित करना शुरू किया। अपने उपन्यास, 'आनंदमठ' में उन्होंने 'वन्दे मातरम्' लिखा था, जो भारत का राष्ट्रीय गीत है।

तिलका मांझी: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला स्वतंत्रता सेनानी!

By निशा डागर

तिलका मांझी का जन्म 11 फरवरी, 1750 को बिहार के सुल्तानगंज में 'तिलकपुर' नामक गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था। साल 1857 में मंगल पांडे के विद्रोह से भी पहले साल 1770 में उन्होंने आज़ादी की लड़ाई शुरू की थी। कई लेखकों और इतिहासकारों ने उन्हें 'प्रथम स्वतंत्रता सेनानी' होने का सम्मान दिया है।

जब शिवाजी महाराज की सुरक्षा के लिए एक नाई ने दी अपने प्राणों की आहुति!

By निशा डागर

हमारे देश में हर साल 19 फरवरी को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। शिवाजी महाराज का नाम इतिहास के पन्नों में अमर है। लेकिन उनके लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कई ऐसे उनके साथी हैं, जिनके नाम आज कहीं धुंधला गये हैं। शिवा काशीद और बाजी प्रभु देशपांडे इन नामों में से एक हैं।

एक दक्षिण अफ्रीकी पायलट और युवा जेआरडी टाटा की सोच का परिणाम है भारत का एयरलाइन सेक्टर!

JRD Tata उद्योगपति जेआरडी टाटा और दक्षिण अफ्रीकी पायलट नेविल विंसेंट द्वारा साल 1932 में शुरू की गई टाटा एयर सर्विसेज. indian airline

मधुबाला : सिर्फ़ 36 साल की ज़िंदगी की वो सुनहरी यादें!

By सुकांत सुमन

14 फरवरी को हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन अभिनेत्री मधुबाला का जन्मदिन भी होता है। वह हीरोइन, जो न केवल अपनी खूबसूरती, बल्कि परदे पर अपनी अविश्वसनीय अदाकारी और प्रभावशाली अभिनय के कारण हिंदी सिनेमा की आइकन मानी जाती है।

लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा : वह भारतीय अफ़सर, जिसकी रणनीति ने दिलाई थी बांग्लादेश को आज़ादी!

By निशा डागर

लेफ्टिनेंट जगजीत सिंह अरोड़ा का नाम उन भारतीय अफ़सरों और सैनिकों की फ़ेहरिस्त में सबसे पहले आता है, जिन्होंने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलवाई। उनके सामने ही पाकिस्तान के तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल नियाज़ी ने अपने 93, 000 सैनिकों के साथ आत्म-समर्पण किया।

जानिये किसने बनायी थी ऑल इंडिया रेडियो की ऐतिहासिक धुन, जिससे होती थी आपके सुबह की मीठी शुरुआत!

हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है और इस दिन को खास बनाती है, AIR की यादों को एक ही धागे में पिरोती है वह धुन, जो सुबह की पहली किरण के साथ रेडियो पर बजती थी। इस धुन को किसी भारतीय ने नहीं, बल्कि एक चेक यहूदी शरणार्थी, वाल्टर कॉफ़मैन ने इज़ाद किया था।

फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा, जिन्होंने सही मायनों में सेना को 'भारतीय सेना' बनाया!

फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा को बहुत-सी ऐसी बातों के लिए जाना जाता है, जो भारत में पहली बार हुईं। पर फिर भी उनकी सबसे अहम पहचान है कि उन्होंने ही हमारी सेना को सही मायने में भारतीय सेना बनाया है। वे स्वतंत्र भारत में वे भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने।

वीटी कृष्णमाचारी : भारत के मास्टर प्लानर, जिन्होंने रखी थी 'पंचायती राज' की नींव!

By निशा डागर

4 फरवरी, 1881 को करूर जिले के वंगल गाँव के एक जमींदार के यहाँ जन्में वी. टी कृष्णामाचारी एक भारतीय प्रशासनिक अधिकारी थे। अपने करियर के दौरान उन्होंने कुछ प्रमुख पद संभाले, जैसे कि दीवान ऑफ बड़ौदा और जयपुर राज्य के प्रधान मंत्री। इसके अलावा उन्होंने 'पंचायती राज व्यवस्था' की नींव रखी।