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COVID में गंवाई दुबई की नौकरी, झोपड़ी में मशरूम उगा, 1 महीने में कमाए 2.5 लाख रुपए

By अर्चना दूबे

COVID-19 महामारी के कारण, उत्तराखंड के सतिंदर रावत की नौकरी जाने के बाद, उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक मशरूम व्यवसाय शुरू किया, जिससे आज वे लाखों कमा रहे हैं।

एक छोटे-से बदलाव ने बदली किस्मत, आज यह किसान कमा रहा है सालाना 35 लाख रुपये

By प्रीति टौंक

पहले जहां पारंपरिक खेती से घर का गुजारा मुश्किल से चलता था, वहीं आज अपनी मेहनत और कुछ नए प्रयासों की बदौलत लाखों कमा रहे हैं, महाराष्ट्र के प्रगतिशील किसान तुकाराम गुंजल।

एक ही पेड़ पर 22 तरह के आम उगाकर, ऑटो मैकेनिक ने कमाएं 50 लाख रुपये

By प्रीति टौंक

सांगली (महाराष्ट्र) के काकासाहेब ने मैकेनिक का काम छोड़, खेती से जुड़ने का फैसला किया। आज अपने 20 एकड़ के खेत में वह फलों की नर्सरी चला रहे हैं।

हमारे इस्तेमाल की 50% चीज़ों में होता है 'पाम ऑयल', क्या आप जानते हैं ये कहां से आता है?

By प्रीति टौंक

क्या आप जानते हैं, हमारे रोजमर्रा की जरूरी चीजों को बनाने में पाम ऑयल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। पाम ऑयल से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखकर आप पर्यावरण संरक्षण में मदद कर सकते हैं।

नारियल के साथ आम, जायफल, हल्दी, काली मिर्च की Intercropping से हुआ 13 लाख का मुनाफा

By प्रीति महावर

राजस्थान के एटॉमिक पावर स्टेशन में एक ठेकेदार के तौर पर काम करनेवाले, एस शिवगणेश ने 2010 में नौकरी छोड़कर किसानी करने की ठानी। अब वह एक सफल किसान हैं। खेती में Intercropping से उन्हें सालाना 16 लाख रुपये की कमाई हो रही है।

टीचर ने किया लॉकडाउन का सही इस्तेमाल, 6 महीने में पांच टन तरबूज उगाकर कमाए 2 लाख रुपये

By प्रीति टौंक

केरल के कासरगोड जिले में रहने वाली सीमा रथीश ने, COVID-19 लॉकडाउन के दौरान मिले खाली समय में, तरबूज की जैविक खेती की और लाखों रुपये कमाए।

इस तकनीक से किया बूढ़े पेड़ों को जवान, सालभर में मिले 2 लाख किलो से ज्यादा आम

By प्रीति महावर

गुजरात के वलसाड में रहने वाले किसान राजेश शाह, ‘गर्डलिंग’ तकनीक से बूढ़े पेड़ों को फलदार बनाते हैं।

नौकरी छोड़, तीन भाइयों ने शुरू किया मोती पालन, गाँव के 180+ लोगों को दिया रोज़गार

By प्रीति महावर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नारायणपुर गांव में रहने वाले तीन भाइयों, श्वेतांक पाठक, रोहित आनंद पाठक, मोहित आनंद पाठक और उनके चाचा, जलज जीवन पाठक ने गांव वालों की मदद करने के लिए, अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर, ‘उदेस पर्ल फार्म्स’ की स्थापना की। यहाँ मोती पालन के ज़रिए वे, 180 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।