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प्रीति टौंक

मूल रूप से झारखंड के धनबाद से आनेवाली, प्रीति ने 'माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी' से पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। ऑल इंडिया रेडियो और डीडी न्यूज़ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रीति को, लेखन के साथ-साथ नयी-नयी जगहों पर घूमने और अपनी चार साल की बेटी के लिए बेकिंग करने का भी शौक है।

40 देश घूमे, रोबोटिक आर्किटेक्चर की पढ़ाई की, पर पारंपरिक भारतीय शैली से बनाया घर

By प्रीति टौंक

कोयंबटूर में A PLUS R आर्किटेक्चर फर्म चलानेवाले राघव ने विदेश से रोबॉटिक आर्किटेक्चर की पढ़ाई की है और तकरीबन 40 देशों की यात्रा भी की है। बावजूद इसके वह पारम्परिक तकनीक से बने भारतीय घरों को सबसे ज्यादा सस्टेनेबल मानते हैं। इसका अच्छा उदाहरण पेश करने के लिए उन्होंने अपने परिवार के लिए एक जीरो कार्बन फुट प्रिंट वाला घर तैयार किया है, जिसका नाम है Casa Roca!

पटना शहर में गांव जैसा घर! खेत, तालाब, गाय, मुर्गी, खरगोश, सब मिलेंगे यहाँ

By प्रीति टौंक

पटना के राजेश कुमार का घर, किसी गांव की याद दिलाता है। यहां फल-फूल और सब्जियों के लहलहाते खेत के साथ दो तालाब भी हैं।

67 की उम्र में लतिका बनीं बिज़नेसवुमन, Solar Dryer से फलों को सुखाकर बना रहीं ढेरों प्रोडक्ट्स

By प्रीति टौंक

दहाणु (महाराष्ट्र) की 67 वर्षीया लतिका पाटिल, अपने पति अच्युत पाटिल के साथ मिलकर 'औरा ग्रीन' नाम से एक फ़ूड प्रोसेसिंग बिज़नेस चला रही हैं, जिसमें वह सोलर की कई मशीनों का इस्तेमाल करती हैं।

नौकरी और शहर छोड़कर सीखा मिट्टी का घर बनाना, अब दूसरों को भी देते हैं ट्रेनिंग

By प्रीति टौंक

मुंबई-पुणे के बीच उद्धर गांव में तुषार केलकर, पिछले सात सालों से शहरी जीवन को छोड़कर मिट्टी के घर में रह रहे हैं। पेशे से आर्किटेक्ट तुषार, यहां देश-विदेश से आए लोगों को भी मिट्टी के घर बनाना सिखा रहे हैं।

1500 किस्मों के पौधों की होलसेल मार्केट है गुजरात का यह गांव, 80% लोग करते हैं यही बिज़नेस

By प्रीति टौंक

सालों पहले गुजरात के नवसारी जिले के दोलधा गांव के किसान, नुकसान के कारण खेती छोड़ने को मजबूर थे। लेकिन आज यह गांव नर्सरी हब बन गया है और पूरे गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पौधे बेचता है।

एक बैग में दुनिया बसा बिताए 12 साल, इनसे सीखिए सादा और खुशहाल जीवन जीने के गुर

By प्रीति टौंक

41 वर्षीया दीपा पिछले 12 सालों से एक खानाबदोश ज़िन्दगी जी रही हैं। चलिए जानें उनके जीवन जीने के इस अनोखे तरीके के बारे में।

हर रेलवे क्वार्टर को बागवानी से जन्नत बना देते हैं यह अधिकारी, हर साल जीतते हैं इनाम

By प्रीति टौंक

लखनऊ में रहनेवाले रेलवे अधिकारी राजीव कुमार को गार्डनिंग से इतना प्यार है कि आज तक वह जहां भी रहें, वहां ढेरों पौधे लगाते रहें। उन्होंने अपना गार्डन लैंडस्केपिंग करके इतना सुन्दर सजाया है कि उन्हें इसके लिए हमेशा अवॉर्ड भी मिलते रहते हैं।