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प्रीति टौंक

मूल रूप से झारखंड के धनबाद से आनेवाली, प्रीति ने 'माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी' से पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। ऑल इंडिया रेडियो और डीडी न्यूज़ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रीति को, लेखन के साथ-साथ नयी-नयी जगहों पर घूमने और अपनी चार साल की बेटी के लिए बेकिंग करने का भी शौक है।

खेती का बेहतरीन मॉडल! कभी रु. 80 की करते थे मजदूरी, आज 123 देशों में जाते हैं इनके प्रोडक्ट

By प्रीति टौंक

मिलिए गोंडल, गुजरात के एक प्रगतिशील किसान रमेश रूपरेलिया से, जिन्होंने 38 की उम्र में कंप्यूटर चलाना सीखा और घी सहित कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाकर देश-विदेश तक भेज रहे हैं।

गार्डनिंग के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी, आज यूट्यूब और सोशल मीडिया से कमाती हैं लाखों रुपये

By प्रीति टौंक

बोकारो की रेशमा रंजन को बचपन में उनके नाना-नानी ने पौधे उगाना सिखाया था। लेकिन आज वह सोशल मीडिया के जरिए लाखों लोगों को गार्डनिंग सिखाकर महीने के लाखों रुपये कमा रही हैं।

मिट्टी से बनाया कूलर! न बिजली का मोटा बिल, न पर्यावरण को नुकसान

By प्रीति टौंक

दिल्ली के आर्किटेक्ट मोनिश सिरिपिरायु का बना कूलएंट सिस्टम बिना ज्यादा बिजली और पर्यावरण को नुकसान पहुचाएं तापमान को ठंडा करने का काम करता है।

जयपुर का महावीर रबड़ी भंडार! 140 साल पुराना है इतिहास, चौथी पीढ़ी की बेटी संभाल रही विरासत

By प्रीति टौंक

जयपुर की हर गली में आपको महावीर रबड़ी भंडार नाम की कोई न कोई दुकान मिल ही जाएगी। पढ़ें, शहर की पहचान बन चुके इस ब्रांड की कहानी।

रांची के परिवार का कमाल! घर में नहीं थी जगह तो रोड पर बना दिया गार्डन

By प्रीति टौंक

रांची के मनोज रंजन को बचपन से ही गार्डनिंग का शौक था। लेकिन शहर में नौकरी की वजह से उनका परिवार रांची आ गया और यहां पौधे लगाने की जगह नहीं थी। लेकिन पिछले पांच सालों से, उन्होंने घर के बाहर रोड साइड पौधे लगाना शुरू किया और आज 200 से ज्यादा पौधे उगाकर हरियाली फैला दी है।

पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं, खेती से जुड़े और मिट्टी के घर बनाकर शुरू किया एग्रो टूरिज्म

By प्रीति टौंक

राजस्थान के दो दोस्त इंद्र राज जाठ और सीमा सैनी ने खेती को सस्टेनेबल बनाने के लिए बेहतरीन मॉडल तैयार किया है, जिसमें वे पशुपालन और एग्रो टूरिज्म के जरिए लाखों की कमाई कर रहे हैं।