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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

मैकेनिक ने अनजाने में बनाई अनोखी तकनीक, 500 करोड़ लीटर बारिश का पानी बचाने में मिली सफलता!

By निशा डागर

अंतोजी को उनकी तकनीक के लिए राष्ट्रीय सम्मान भी मिल चूका है और अब वह इस तकनीक को और बड़े स्तर पर ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं!

अंग्रेजों को मात देने के लिए इस सेनानी ने काट दिया था अपना ही हाथ!

By निशा डागर

हाथ काटने के बाद भी 80 वर्षीय वीर कुंवर का संग्राम नहीं रुका। उन्हें आराम करने की हिदायत मिली लेकिन फिर भी उन्होंने अंग्रेजों से अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध किया!

अहमदाबाद: 23 वर्षीय इंजीनियर के बनाए COVID-19 मैप से अब जानिए किस इलाके में हैं मरीज़!

By निशा डागर

इस मैप की मदद से आप पता लगा पाएंगे कि आप अपने इलाके में किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या नहीं!

जानिए कैसे घर में ही लगा सकते हैं अपना चटनी गार्डन!

By निशा डागर

अनीता तिक्कू पेशे से आर्किटेक्ट हैं और पिछले चार सालों से छत पर उगी सामग्रियों से ही उनके घर में स्वादिष्ट चटनी बनाई जाती है!

मिलिए 'सूखे बोरवेल के डॉक्टर' अयप्पा मसगी से, 50 लाख लोगों को मिली है मदद!

By निशा डागर

"मैं बचपन में 3 किमी दूर से माँ के साथ जाकर पानी लाता था और यही सोचता था कि कैसे यह परेशानी खत्म होगी। फिर मेरी माँ चक्की पिसती तो गाती थी कि उनका बेटा सब ठीक कर देगा। बस वहीं से मेरे मन में यह बात रच-बस गई कि मुझे पानी के लिए काम करना है।"

गाँव के लोगों ने श्रमदान से बनाए तालाब, 6 गांवों में खत्म हुई पानी की किल्लत!

By निशा डागर

इन गांवों में हर परिवार के पास अब अपना तालाब है और अब उन्हें न तो घरेलू इस्तेमाल के लिए और न ही सिंचाई के लिए परेशान होना पड़ता है!

सुईं-धागे से लिखी सफलता की इबारत और गाँव को बना दिया 'हस्तशिल्प गाँव'!

By निशा डागर

इस गाँव की महिलाएं जो भी उत्पाद बनाती हैं उन्हें 'पहाड़ी हाट' ब्रांड नाम से बाज़ार में उतारा गया है और आज यह उत्पाद न सिर्फ भारत बल्कि जर्मनी, जकार्ता जैसी जगहों पर भी अपनी पहचान बना चुके हैं!

पीवीसी पाइप में भी बना सकते हैं खाद, जानिए एक्सपर्ट से!

By निशा डागर

वासुकी आयंगर, बंगलुरु के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट राउंड टेबल से जुड़े हुए हैं और शहर के लोगों को कम लागत वाले खाद बनाने के तरीके सिखा रहे हैं!

भारत के इस वैज्ञानिक की खोज से संभव हुआ था हैजे का इलाज!

By निशा डागर

साल 1817 से अस्तित्व में आया कॉलेरा (हैजा) उस समय किसी महामारी से कम नहीं था। इस एक महामारी ने उस वक़्त लगभग 180 लाख लोगों की जान ले ली थी!

कोरोना हीरोज़: मात्र 30 रुपये की लागत वाली फेस-शील्ड बना रही है यह टीम!

By निशा डागर

IIT दिल्ली की इनोवेशन सेल के साथ काम कर रहे सचिन पवार ने इस फेस-शील्ड का डिज़ाइन बनाया है और अब वह वीडियो के माध्यम से देश के अलग-अलग भागों में लोगों को इसे बनाना सिखा रहे हैं!