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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

पिंजरे साफ़ करते-करते बन गया रक्षक, 200+ जानवरों को बचा चुका है यह युवक!

By निशा डागर

प्रसन्ना और उनकी टीम के प्रयासों से ही शहर में चायनीज मांझे के प्रयोग पर रोक लगी और साथ ही, उन्होंने लोगों को वन्यजीव-जंतुओं के प्रति जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाए हैं!

होटल की नौकरी छूटी तो लौटे गाँव, मिट्टी का ओवन बनाकर शुरू किया अपना पिज़्ज़ा आउटलेट!

By निशा डागर

"हाथ पर हाथ रखकर बैठने से स्थिति काबू में नहीं आएगी। हमें खुद कुछ करना होगा, इसलिए उठें और आज ही अपने आइडिया पर काम करें!"

किसान, बुनकर, कशीदाकार और दर्जी को सीधा जोड़ 100 से ज्यादा महिलाओं को दिया रोज़गार!

By निशा डागर

अभिहारा फाउंडेशन तीन क्लस्टर में काम करती है- इकत, पेदना (कलमकारी) और नारायणपेट (सादा सूती साड़ियाँ)

केरल: मिलकर सब्ज़ियाँ उगा रहे हैं ये पड़ोसी, चार घरों की हो रही है आपूर्ति!

By निशा डागर

"सिर्फ दो महीने की मेहनत से हमें इतनी उपज मिली कि यह हमारे चार परिवारों के लिए पर्याप्त से भी ज्यादा है। हमें कहीं बाहर से सब्जियां खरीदने की ज़रूरत ही नहीं है, बल्कि दूसरे लोग हमारे यहाँ आकर सब्जियां लेकर जाते हैं।"

पिछले एक दशक से गौरेया को बचाने में जुटा है यह शख्स, शहर भर में लगाए 2000 घोंसले!

By निशा डागर

"अगर आपने आस-पास नियमित तौर पर पक्षी आपको दिख रहे हैं तो समझिए कि आप एक स्वस्थ वातावरण में रह रहे हैं और अगर नहीं तो यह चिंता का विषय है।"

किसानों की मदद और अपना स्टार्टअप, इनसे जानिए घर पर कैसे करें 'कस्तूरी हल्दी' की प्रोसेसिंग!

By निशा डागर

डॉ. जयचंद्रन के मुताबिक, 100 ग्राम कस्तूरी हल्दी पाउडर की कीमत 200 से 250 रूपये तक होती है!

स्कूली छात्रों की पहल, घर-घर जाकर इकट्ठी करते हैं दवाइयां ताकि ज़रूरतमंदों तक पहुँचा सकें!

By निशा डागर

"हमारे आस-पास बहुत से लोग हैं जो मदद करना चाहते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि कैसे करें। वहीं दूसरी तरफ, बहुत से लोगों को मदद की ज़रूरत है। हम इन दोनों तबकों के बीच का सेतु बनाना चाहते हैं ताकि सही मदद सही लोगों तक पहुँच सके।"

किसानों के खेतों में मुफ्त में फलों के पेड़ लगा रहे हैं विनोद और उनके साथी!

By निशा डागर

"फर्क इस बात से नहीं पड़ता कि कितने लाख पौधे लगाए गए, बल्कि मायने यह रखता है कि उन लाखों पौधों में से कितने पेड़ के रूप में विकसित हुए।"

जुगाड़: घर में बेकार पड़ी चीज़ों से रिटायर फौजी ने बना दी घास काटने वाली मशीन!

By निशा डागर

संजीव ने जब ऑनलाइन घास काटने वाली मशीन देखीं तो किसी की भी कीमत 5 हज़ार रुपये से कम नहीं थी। ऐसे में, उन्होंने खुद मशीन बनाने की ठानी!

83 साल की 'सब्ज़ीवाली दादी' का कमाल, दो गांवों के हर एक घर में लगवा दिया किचन गार्डन!

By निशा डागर

भारत के गाँव खुद अपना खाना उगाएं, इसके लिए उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर एक एक्शन प्लान भी बनाया है, जिसके हिसाब से हर एक गाँव में पांच तरह के किचन गार्डन लगाए जा सकते हैं!