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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

'माचिस'! एक छोटी सी डिब्बी, जिसने हर दिल में जलाई थी 'आज़ादी' की आग!

By निशा डागर

भारत में साल 1910 के आसपास माचिस का निर्माण शुरू हुआ था। जानिए कैसे इस छोटी सी डिब्बी ने आज़ादी की लड़ाई में एक अहम् भूमिका निभाई थी।

Women Freedom Fighters: धरने दिए, जेल गयीं, देश के लिए प्रताड़ना सहकर भी नहीं हटीं पीछे

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जिक्र के बिना अधूरा है और खासकर वे महिलाएं, जिन्होंने न सिर्फ देश की आजादी, बल्कि महिलाओं के हक़ के लिए भी आवाज बुलंद की।

'तेरी मेहरबानियां' से 'भुज' तक! 4000 फिल्मों में मिलेंगे इन्हीं के दिए साउंड इफ़ेक्ट

By निशा डागर

मुंबई के Foley Artist करण अर्जुन सिंह ने तेरी मेहरबानियां, तेजाब और मैंने प्यार किया से लेकर बाहुबली और भुज जैसी फिल्मों तक के लिए साउंड इफ़ेक्ट तैयार किए हैं।

थोड़ा कबाड़, थोड़ा जुगाड़, कुछ इस तरह से किया अपना बगीचा तैयार

By निशा डागर

पटना की रहनेवाली प्रभा कुमारी 'बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट' तरीके से कर रही हैं, किफायती बागवानी। आप भी जानिए कैसे।

न ईंटों की जरूरत पड़ी, न प्लास्टर की, सिर्फ साढ़े चार महीने और 34 लाख में बन गया घर

By निशा डागर

केरल के वायनाड में मोबिश थॉमस ने LGSFS तकनीक से अपना घर बनवाया है, जिसे तैयार होने में मात्र साढ़े चार महीने लगे।

अब एक मशीन से रोपें कई तरह के बीज, छात्र के आविष्कार को मिला बालशक्ति पुरस्कार

By निशा डागर

कर्नाटक के दक्षिण कन्नडा के पुत्तुर में 16 वर्षीय राकेशकृष्ण के. ने किसानों के लिए एक खास तरह की मशीन बनाई है, जिससे किसान बहुत ही आसानी से कई तरह की फसलों के बीजों की रोपाई कर सकते हैं।

इन छात्रों ने मिलकर प्लास्टिक के कचरे से बनाया बेसहारा जानवरों के लिए घर

By निशा डागर

पढ़िए कैसे घरों से निकलने वाले प्लास्टिक के कचरे को इकट्ठा कर बेसहारा जानवरों के लिए बनाया घर।

चाय के स्टॉल को बनाया RTI बूथ, ग्रामीणों के लिए फाइल किये 5000 से ज्यादा RTI

By निशा डागर

कानपुर के कृष्ण मुरारी यादव को लोग केएम भाई के नाम से जानते हैं, जो अलग-अलग चाय के स्टॉल पर RTI बूथ लगाकर लोगों को RTI के बारे में जागरूक करते हुए ट्रेनिंग दे रहे हैं।