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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

एग्रो-वेस्ट से इको-टेक्सटाइल: किसानों की मदद और फैशन दोनों साथ-साथ

By निशा डागर

मुंबई के कौशिक वरदान अपने स्टार्टअप, Raydan के जरिए कमल, गुलाब, केला, एलोवेरा, संतरे, नीलगिरि, मक्का, बांस और गन्ना जैसी फसलों के कचरे का इस्तेमाल इको फ्रेंडली कपड़ा बनाने में कर रहे हैं।

इन्हें भेजिए अपनी पुरानी जीन्स और बनवाइए बैग, परदे, कवर जैसी उपयोगी चीजें

By निशा डागर

रत्न प्रभा राजकुमार BlueMadeGreen के माध्यम से हर महीने 50 किलो से ज्यादा डेनिम जीन्स, कपड़े और कतरन को अपसायल करके 40 से ज्यादा तरह के उत्पाद बनाती हैं।

जिप्सम और मिट्टी ने दी घर को ठंडक, पौधों और लताओं ने खूबसूरती

By निशा डागर

लेटराइट ईंटों, कोटा, जैसलमेर पत्थर, सीमेंट, जिप्सम आदि का इस्तेमाल कर बनाया Environment Friendly घर। हर कोने में बिखरी है हरियाली।

लॉकडाउन में नहीं बिके नींबू, तो किसान ने अचार बनाकर की लाखों की कमाई

By निशा डागर

दिल्ली के जैविक किसान कुलदीप सिंह लॉकडाउन के दौरान नींबू की बिक्री नहीं कर पाए, तो उन्होंने इससे अचार और जैम बनाकर 'Pickle Business' शुरू कर दिया और अच्छी कमाई की।

'हरियाली दीदी' का कमाल, छत पर उगाई 20 तरह की सब्जियां, 12 तरह के फल, औषधीय पौधे भी

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ में रायपुर की रहनेवाली पुष्पा साहू को लोग 'हरियाली दीदी' के नाम से जानते हैं, क्योंकि उन्होंने अपने घर की छत को हरियाली से भर दिया है।

लॉकडाउन में बरसों का बिज़नेस हुआ ठप, पर नहीं मानी हार, अब केक बेचकर कमा रहीं लाखों में

By निशा डागर

नोएडा की श्वेता जोशी ने 2020 में लॉकडाउन के दौरान 'क्वारंटाइन बेकर्स' की शुरुआत की और आज हर महीने उन्हें 150 से ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं।

कपड़े सुखाने के इस क्लिप को अपनाएं और हज़ारों टन प्लास्टिक से धरती को बचाएं

By निशा डागर

मुंबई के ऋत्विक जाधव ने सस्टेनेबल और इको फ्रेंडली Clothing Peg, यानि कपड़े सुखाने की क्लिप बनाई है, जो प्लास्टिक की क्लिप्स का अच्छा विकल्प है।

हर महीने शहर भर से 450 टन कचरा इकट्ठा करके, करते हैं करोड़ों की कमाई

By निशा डागर

हैदराबाद स्थित 'रद्दी बाजार', हर महीने शहर से 450 टन कचरे को इकट्ठा करता है, जिसमें से लगभग 200 टन प्लास्टिक के कचरे को रीसायकल किया जा रहा है।