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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

शीरमाल: 'अमीरों की रोटी' को 190 सालों से आम लोगों तक पहुंचा रही है यह दुकान

By निशा डागर

पढ़िए कैसे बना मशहूर अवधी व्यंजन, 'शीरमाल' और कैसे एक 190 साल पुरानी दुकान बढ़ा रही है इसकी परंपरा को आगे।

चिकन बिरयानी, चावल, घी को अपनी डाइट में शामिल करके भी घटा लिया 50 किलो वजन

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहने वाली 37 वर्षीया अनुप्रिया राघव ने मात्र 18 महीनों में अपना 50 किलो वजन घटाया और आज वह एक न्यूट्रीशन और फिटनेस कंसलटेंट हैं।

मम्मी ने फिर बनाये हैं 'टिंडे'? तो नाक न सिकोड़ें, इन्हें मिला है 'सुपरफूड' का दर्जा

By निशा डागर

टिंडा सुपरफूड की श्रेणी में आता है। जिन लोगों को वजन घटाना होता है, उनके लिए तो यह बहुत ही बेहतरीन सब्जी है, क्योंकि इसमें लगभग 94 प्रतिशत पानी होता है और कैलोरी तो न के बराबर पाई जाती है। टिंडे में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।

किसान माता-पिता चाहते थे इंजीनियर बनाना, पर बेटा एम्ब्रॉइडरी सीखकर बन गया सफल बिज़नेसमैन

By निशा डागर

पुणे में रहनेवाले 21 वर्षीय सौरभ देवढे कपड़े पर ही नहीं बल्कि पत्तियों पर भी hand embroidery कर लेते हैं। आज अपने इस हुनर से वह अच्छा खासा कमा भी रहे हैं।

मिट्टी के 450 कटोरे इस्तेमाल कर बनाई छत, गर्मी में भी नहीं पड़ती AC की जरूरत

By निशा डागर

तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले के कीरमंगलम में बना इको फ्रेंडली फार्म हाउस 'Valliyammai Meadows' हर तरह से प्रकृति के करीब है।

छत पर लगे अडेनियम, बोगेनविलिया, गुलाब, गेंदा, वाटर लिली जैसे फूलों ने दिलाये कई पुरस्कार

By निशा डागर

भुवनेश्वर में रहनेवाले जयंती साहू और चित्तरंजन साहू पिछले 25 सालों से अपने घर में फूलों की बागवानी कर रहे हैं।

सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाले इस डिवाइस से चल सकते हैं पंखा, बल्ब जैसे 3 इलेक्ट्रिक डिवाइस

By निशा डागर

बेंगलुरु की प्रेरणा वाडिकर ने 'जीवा' नामक एक ख़ास पोर्टेबल एनर्जी डिवाइस बनाया है जो बैटरी और सौर ऊर्जा से मात्र एक घंटे में चार्ज होकर तीन इलेक्ट्रिकल डिवाइस चला सकता है।

न चूल्हे के धुएं की दिक्क्त, न गैस सिलिंडर का खर्चा, बायोगैस प्लांट ने आसान की ज़िंदगी

By निशा डागर

राजस्थान के झुंझुनू जिले के पीपली गांव में रहनेवाली भतेरी देवी, पिछले 10 वर्षों से बायोगैस का इस्तेमाल कर रही हैं

नहीं लगाया सोलर सिस्टम, फिर भी 30% कम आता है बिजली बिल, जानना चाहेंगे कैसे?

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहनेवाले नेत्रावती जे. और नागेश का घर कुछ इस तरह बनाया गया है कि उन्हें एसी, कूलर या हीटर चलाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।