यह कहानी है, इंदौर के रहनेवाले कपिल बजाज की, जिन्हें जिम ट्रेनर ने उनके बौनेपन की वजह से ट्रेनिंग देने से मना कर दिया था। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और घर पर ही अपना 29 किलो वज़न कम कर लिया।
बिना किसी फैन्सी डाइट के आदित्य और गायत्री शर्मा ने किया गजब का बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन। आज उनकी मेहनत और फिटनेस ने, उन्हें सेहतमंद के साथ फेमस भी बना दिया है।
मुंबई के प्रदीप कुंभार को पिछले 10 सालों से दौड़ने का ऐसा जुनून है कि 2018 में एक्सीडेंट में अपने पैर खोने के एक साल बाद ही, वह फिर से मैराथॉन दौड़ने लगे।
मिलिए चंडीगढ़ की इन चार महिलाओं से, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया और साइकिलिंग करने की सोची। पिछले एक साल से ये तकरीबन हर दिन 30 से 40 किमी साइकिलिंग करती हैं।
चलिए आपको मिलाते हैं, अमर्त्य सिन्हा और उनकी पत्नी नूतन सिन्हा से, आज से तीन साल पहले वे 500 मीटर भी ठीक से दौड़ नहीं पाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिटनेस को अपने जीवन का उदेश्य बना लिया, आज वे 50 किमी की दौड़ पूरी करने वाले अल्ट्रा रनर बन चुके हैं और अपने साथ कई और लोगों को भी प्रेरित कर रहें हैं।
वजन घटाने की यात्रा में, कई ऐसे दिन भी थे जब उन्हें लगता था कि जो वह कर रही हैं उसका सही परिणाम नहीं मिल रहा है। तब वह खुद से कहती थीं कि वह कुछ भी कर सकती हैं।