बाल गंगाधर तिलक द्वारा अपने अखबार ‘केसरी’ में इस्तेमाल की जाने वाली उत्तेजक भाषा से प्रभावित होकर इन्होंने रैंड के ख़िलाफ क़दम उठाने का फ़ैसला किया, क्योंकि उसने पुणे के कई परिवारों को अपमानित किया था।
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निधि निहार दत्ता
निधि निहार दत्ता राँची के एक कोचिंग सेंटर, 'स्टडी लाइन' की संचालिका रह चुकी है. हिन्दी साहित्य मे उनकी ख़ास रूचि रही है. एक बेहतरीन लेखिका होने के साथ साथ वे एक कुशल गृहिणी भी है तथा पाक कला मे भी परिपक्व है.