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अर्चना दूबे

भारत के इन खूबसूरत गांवों के आगे शहरों की चकाचौंध भी पड़ जाती है फीकी!

By अर्चना दूबे

शहर की भीड़-भाड़ और भाग-दौड़ से थक चुके हैं, तो क्यों न इस बार भारत के इन खूबसूरत गांवों में घूमने का प्लान बनाएं?

अद्भुत अतुलनीय पारंपरिक भारतीय आभूषण

By अर्चना दूबे

भारतीय पारंपरिक गहनों ने विकास का एक लंबा सफर तय किया है। जरूरत के अनुसार डिज़ाइन बाजार में आते रहे, लेकिन पारंपरिक आभूषण लोगों को अपनी ओर खींच ही लेते हैं, तो चलिए दिखाते हैं भारत के अद्भुत आभूषण।

बेटा आत्महत्या न कर ले इसलिए साथ सोती थीं माँ, डिप्रेशन को मात दे शिशिर बने IAS अधिकारी

By अर्चना दूबे

राजस्थान, जयपुर के रहने वाले IAS शिशिर गुप्ता ने IIT-बॉम्बे से इंजीनियरिंग की और फिर अबू धाबी में उन्हें अच्छी नौकरी भी मिल गई, लेकिन जॉब छोड़कर वापस आ गए, आखिर अफसर जो बनना था।

कभी IIM में नहीं मिला था एडमिशन, 3 साल बाद गेस्ट स्पीकर बनकर पहुंचे अपने सपनों के कॉलेज

By अर्चना दूबे

IIM से रिजेक्ट होने के बाद, Finance With Sharan के शरण हेगड़े ने कोलंबिया में एडमिशन लिया, लेकिन पढ़ाई छोड़कर कॉन्टेंट क्रिएटर बने और पहुंच गए अपने सपनों के कॉलेज, वह भी लेक्चर देने।

रागी के बिस्किट से तय किया राष्ट्रपति भवन तक का सफर

By अर्चना दूबे

नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित पाडाला भूदेवी, आंध्र प्रदेश के आदिवासी समुदाय की महिलाओं को सशक्त बनाने और समुदाय के लोगों तक पोषण और मुलभूत सुविधाए पहुंचाने का काम कर रही हैं।

सफलनामा कृष्णा यादव का! कभी सड़क पर बेचती थीं अचार, आज चला रहीं कई फैक्ट्रीज़

By अर्चना दूबे

दिल्ली के नज़फ़गढ़ में रहने वाली कृष्णा यादव, 'श्री कृष्ण पिकल्स' नाम से अपनी कंपनी चला रही हैं और उनके बनाये अचार, कैंडी, मुरब्बा, जूस की मांग आज दिल्ली के आसपास के सभी राज्यों में है। आज दिल्ली में उनकी कई फैक्ट्रीज़ हैं और उन्हें 'नारी शक्ति अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

देशभर में तैनात अधिकारी, जिन्होंने साल 2022 में अपने काम से जीता लोगों का दिल!

By अर्चना दूबे

अब जब साल 2022 खत्म हो रहा है, तो क्यों न एक बार उन अधिकारियों को शुक्रिया कहा जाए, जिन्होंने भारत को बेहतर बनाने के लिए कई बेमिसाल पहल कीं! हमें उम्मीद है कि ये अफसर, आने वाले साल में भी आपको प्रेरित

माता-पिता हुए बीमार तो शुरू की प्राकृतिक खेती, पिछले 4 सालों में नहीं पड़ी दवा की ज़रूरत

By अर्चना दूबे

माता-पिता की बीमारी के कारण घर लौटे राजकुमार ने खेती में किए ऐसे बदलाव कि हो रही अच्छी कमाई और 4 सालों से परिवार वालों को नहीं खानी पड़ी कोई दवा।