क्या, आप जानते हैं सदियों पहले बने प्राचीन मंदिर, जंतर-मंतर या ताजमहल में क्या समानता है? गणित! गणित और सिमिट्री के सिद्धांत का प्रयोग करके देश में कई ऐसे स्मारक बनाए गए हैं, जो आज भी अचंभित करते हैं।
दुलारी देवी (Padma Shri Dulari Devi) को बिहार की मशहूर मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए इस साल पद्म श्री से सम्मानित किया गया। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने जीवनभर संघर्ष किया है।
महाराष्ट्र के परभणी जिले के एक छोटे से गांव वाजुर के रहनेवाले प्रल्हाद पवार, नदी के किनारे पड़े पत्थरों से कई रचनात्मक कलाकृतियां बनाते हैं। उनकी यह कला आज जिले की शान बन गई है।
अपनी माटी के लिए कुछ करने की खातिर, देवभूमि उत्तराखंड की शिवानी ने सात समंदर पार की नौकरी को भी ठुकरा दिया। आज वह अपनी बेहतरीन चित्रकारी की वजह से लोगों के बीच एक चर्चित चेहरा बन चुकी हैं।
बीरेंद्र कृष्णा भद्रा एक प्रमुख बंगाली नाटककार थे। उनके द्वारा जाप किए गए 'चंडीपाठ' ने, न जाने कितनी पीढ़ियों को महालया के दिन, सुबह-सुबह 4 बजे बिना किसी झुंझलाहट के जगाया है।
एक कलाकार हमेशा समय से आगे की सोचता है। जब काम करने के लिए बहुत कम महिलाएं घरों से बाहर निकलती थीं, खासकर छोटे शहरों में। तब उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले मऊ के रहने वाले मुमताज़ खान ने कई लड़कियों और महिलाओं को हुनरमंद बनाने और रोज़गार से जोड़ने का बीड़ा उठाया।