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130 साल पुराने बंगले को बनाया लग्ज़री होटल, प्रकृति के बीच बसा है यह खूबसूरत आशियाना

दिल्ली के 25 वर्षीय श्रेय गुप्ता ने अपनी फर्म 'ब्लू बुक होटल्स' के ज़रिए नैनीताल के गेठिया में, प्रकृति के बीच एक ऐसा लग्जरी होटल बनाया है, जहाँ जाकर आप बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच रह सकते हैं और खूबसूरत नज़ारों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, ब्रिटिश एरा के बंगले को बदलकर बनाया गया यह होटल अपने मेहमानों को पुराने ज़माने की फील देता है।

IISc का आईडिया, बेकार सोलर पैनल को रिसायकल कर अब बनाए जा सकेंगे घर व फर्नीचर

By पूजा दास

सोलर पैनलों को रिसायकल करना बेहद मुश्किल है। ज्यादातर सोलर पैनल बेकार कचरे में ही जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है। हालांकि, बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science in Bengaluru ) की एक रिसर्च टीम यह पता लगा रही है कि क्या पुराने बेकार सोलर पैनलों का इस्तेमाल निर्माण सामग्री के रूप में किया जा सकता है।

सिर्फ रु.500 में बनाया बिना सीमेंट का तालाब, हंसों को दिया नया घर

हैदराबाद के रहनेवाले धर्मेंद्र दादा बीते साल अप्रैल में, अपने दोस्त से मिलने के लिए बिहार के गया जिले के चौपारी गांव गए थे। इस दौरान, उन्होंने गांव में कुछ हंसों की दशा देख, उन्हें बेहतर आसरा देने के लिए चूना और सुरखी का इस्तेमाल कर एक तालाब बना दिया।

बारिश का पानी नहीं जाता इस घर से बाहर, सोलर कुकर में बनता है, घर में उगी सब्जियों से सेहतमंद खाना

By प्रीति टौंक

बेंगलुरु के रविकला और प्रकाश बालिगा अपने घर में प्राकृतिक संसाधनों के ज्यादा से ज्यादा उपयोग पर जोर देते हैं।

अपनी ही ज़मीन से निकली मिट्टी से बनाया घर, लगाए 800 पेड़-पौधें, न AC, न कूलर, न बिजली बिल

By निशा डागर

तमिलनाडु में पोल्लाची के एक गाँव के रहने वाले रामचंद्रन सुब्रमणियन एक इको-फ्रेंडली घर में रहते हैं, जहाँ उनके बिजली और पानी का बिल एकदम जीरो आता है।

ढाई वर्ष, 22 देश, यात्रा में बनाए कई घर, बचाई कई जिंदगियाँ

वसुधैव राइड एक ऐसी यात्रा थी, जिसके तहत प्रशांत और बेन ने मोटर साइकिल से 30 महीने में भारत से नेपाल, तिब्बत, चीन, यूनान, स्कॉटलैंड जैसे 22 देशों की यात्रा कर डाली।

प्रोजेक्ट साईट से निकली मिट्टी से ईंटें बनाकर, घरों का निर्माण करते हैं ये आर्किटेक्ट

By निशा डागर

घरों में लकड़ी के सभी कामों के लिए पुराने खिड़की, दरवाजे या फिर फर्नीचर को अपसाइकिल करके इस्तेमाल किया जाता है!

मिट्टी के बर्तनों की छत व सूखी डालियों के खंभे, प्रकृति की गोद में बना है यह घर

2 एकड़ के भूखंड पर निर्मित इस घर में 800 वर्ग फुट में एक ईंट और कंक्रीट की दीवारों वाला स्विमिंग पूल फैला हुआ है, साथ ही यहाँ ऑर्गेनिक खेत भी हैं, जहाँ कई प्रकार की सब्जियाँ उगाई जाती हैं।

बेंगलुरु: शहर की आपाधापी के बीचों-बीच है बाँस और कार्डबोर्ड से बना यह प्राकृतिक स्कूल

स्कूल की बिल्डिंग में कॉलम इस तरह से डिज़ाइन किये गए हैं जिससे लगता है कि बच्चे एक पेड़ की नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं।

स्वदेशी तकनीक और स्थानीय मज़दूर, ये आर्किटेक्ट कर चुके हैं बेहतर कल की शुरुआत

कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए मिट्टी का उपयोग करना एक शानदार तरीका है। यह न केवल बायोडिग्रेडेबल है, बल्कि यह हर जगह आसानी से उपलब्ध है, इसलिए इसे आसानी से बिल्डिंग तकनीकों में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा मिट्टी का उपयोग करने से गर्मियों में अंदर का तापमान ठंडा होता है और सर्दियों में गर्म।