ओडिशा की रहने वाली सिमी करन ने आईआईटी और यूपीएससी जैसी दो-दो कठिन परीक्षाएं अपनी पहली ही कोशिश में पास कर लीं और उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ अफसर बनने का फैसला किया। IAS सिमी करन का बचपन छत्तीसगढ़ के भिलाई में बिता।उनके पिता डीएन करन, भिलाई स्टील प्लांट में काम करते हैं। वहीं, उनकी माँ सुजाता, दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाती हैं।
सिमी ने दिल्ली पब्लिक स्कूल से ही 12वीं तक की पढ़ाई की। पढ़ाई में होनहार सिमी ने 12वीं में 98.4 प्रतिशत नंबर लाकर पूरे राज्य में टॉप किया था। बाद में उन्होंने आईआईटी का एन्ट्रेंस एग्जाम दिया और उनका सलेक्शन आईआईटी बॉम्बे में हो गया। सिमी ने यहां से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
हालांकि उस समय तक सिमी का प्रशासनिक सेवा में जाने का कोई प्लान नहीं था। लेकिन इंजीनियरिंग के दौरान इंटर्नशिप के समय वह स्लम एरिया में बच्चों को पढ़ाने जाती थीं और यहीं से उनका मन बदला। उन बच्चों की मदद करने के लिए सिमी ने किसी ऐसे प्रोफेशन में जाने का मन बनाया, जिसके ज़रिए वह गरीब लोगों की मदद कर सकें। उन्हें सिविल सर्विसेज़ से बेहतर ऑप्शन और कुछ नहीं, लगा।
IAS सिमी करन ने कैसे की थी तैयारी?
सिमी, जब इंजीनियरिंग के आखिरी साल में थीं, तब उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के तैयारी करने का फैसला किया। टॉपर्स के इंटरव्यू देखकर और इंटरनेय की मदद से उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए किताबों की लिस्ट तैयार की। उनका कहना है कि परीक्षा की तैयारी के लिए ज्यादा रिवीजन करना चाहिए।
दो अलग-अलग फील्ड और कोर्स के लिए पढ़ाई करना आसान तो नहीं था, लेकिन सिमी ने सेल्फ स्टडी की औऱ बिना कोचिंग के सिविल सर्विसेज़ एग्जाम में 31वीं रैंक हासिल कर 22 साल की उम्र में अफसर बनीं।
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