लाइट, कैमरा, एक्शन नहीं!! यह है एक सच्चे सुपरकॉप की कहानी...

राजस्थान का एक नौजवान बिहार आता है। उस वक्‍त हत्या, डकैती व अपहरण का दूसरा नाम रहे बिहार में अपराधियों से टक्कर लेता है...

फिर, बिहार में अपने अुनभवों को इकट्ठा कर किताबें लिखता है।

हम आपको बता रहे हैं IPS अधिकारी अमित लोढ़ा और उनकी खाकी वर्दी की सच्‍ची कहानी!

उनके जीवन पर आधारित उनकी ही एक किताब पर नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज़ 'खाकी: द बिहार चैप्टर’ रिलीज़ हुई है।

देश के लोकप्रिय पुलिस अधिकारियों में शामिल बिहार के IPS अमित लोढ़ा ‘सुपर कॉप’ के रूप में भी जाने जाते हैं। उनकी यह छवि बिहार में अपराधियों से लड़ते हुए बनी।

ज़िंदगी के एक मोड़ पर अमित लोढ़ा ने निराशा का ऐसा दौर भी झेला, जब उनके मन में सुसाइड तक का ख्‍याल आया था।

IIT दिल्ली से ग्रेजुएशन की पढ़ाई उनके जीवन का एक भयानक अनुभव था। IIT में उनके ग्रेड खराब होने लगे और वह खुद को कमज़ोर मानकर डिप्रेशन का शिकार हो गए।

लेकिन कहते हैं न कि सबका वक्‍त बदलता है!  IIT से पास होने के बाद अमित लोढ़ा ने UPSC सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और 1998 में पहले प्रयास में ही IPS बन गए।

बिहार में ज़बरदस्त पुलिसिंग के लिए राष्ट्रपति से पुलिस अवॉर्ड पा चुके IPS ने अपने 25 साल के पुलिस करियर पर दो किताबें लिखीं।

उन्हीं में से एक किताब 'बिहार डायरीज़' पर बालीवुड के निर्देशक नीरज पांडेय ने वेब सीरीज़ बनाई है। 

इसमें अमित लोढ़ा की भूमिका में करण टैकर हैं।