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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttar Pradesh, India.उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. उत्तर प्रदेश की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। उत्तर प्रदेश के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttar Pradesh, India.

उत्तर-प्रदेश: किसान अब पराली जलाते नहीं बल्कि इससे खाद बनाते हैं, जानिए कैसे!

By निशा डागर

मेरठ और गौतम बुद्ध नगर के 85 किसानों के यहाँ पर यह कम्पोस्टिंग यूनिट लगाई गई हैं, जिनकी मदद से अब वे पूरे साल घर का बना खाद और जैविक पेस्टीसाइड उपयोग कर रहे हैं!

मल्टीनेशनल की नौकरी छोड़ी, केंचुआ खाद बेचकर कमाते हैं करोड़ों

उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उड़ीसा, असम सहित कुल 14 राज्यों में करीब आठ हजार यूनिट स्थापित हैं। इनमें 80 के करीब यूनिट्स अकेले मेरठ जिले में हैं।

‘जल-योद्धा’ के प्रयासों से पुनर्जीवित हुई नदी, 450 तालाब और सैकड़ों गांवों की हुई मदद!

By निशा डागर

सालों के अथक प्रयास के बाद, रमन कांत उत्तर-प्रदेश की काली नदी के उद्गम को पुनर्जीवित करने में सफल रहे हैं। 598 किमी तक बहने वाली इस नदी के किनारे 1200 गाँव और कस्बे बसे हुए हैं!

IAS अफसर ने 21 महीनों में 137 जलाशयों को दिया नया जीवन, लखीमपुर को मिला ISO सर्टिफिकेशन

अपने सब डिविशन के लिए 2 प्रमाणपत्र हासिल करने वाले अरुण कुमार लखीमपुर को मॉडल तहसील के रूप में विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं।

IBM कंपनी में जनरल मैनेजर की नौकरी छोड़ ऑर्गेनिक खेती की, चार हजार किसानों को जोड़ा

किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग देने के साथ-साथ, अजय उन्हें वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने और उत्पाद की मार्केटिंग करने के गुर भी सिखा रहे हैं।

तालाब नहीं मिट्टी में उगाए सिंघाड़े, एक एकड़ से कमाया डेढ़ लाख रुपये का मुनाफा!

By निशा डागर

सेठपाल का कहना है कि सिंघाड़े की फसल में बहुत ही कम लागत लगती है। अगर किसान सही ढंग से मेहनत करे तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं!

पौधे लगाकर फोटो खींच ली? अब मंजरी से सीखिए लगाये गए पौधों को कैसे बनाएं फलदार वृक्ष!

By साधना शुक्ला

मंजरी ने अब तक 3800 पौधे लगाए हैं, जिनमें से 80% सुरक्षित हैं और कई फलदार पेड़ बन चुके हैं!

पिता के इलाज के दौरान कई रात भूखे रहे विशाल, आज अस्पताल में निःशुल्क बाँटते हैं खाना!

विशाल का फाउंडेशन सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि जरूरतमंद लोगों को रहने के लिए छत भी देता है। अस्पताल के बाहर उन्होंने रैन बसेरे बनवाएं हैं जहां तीमारदार ठहर सकते हैं।