कभी दिल्ली में रहनेवाली पल्लवी को लगता था कि शहर से दूर जीवन बहुत बोरिंग होगा, लेकिन आज वह शहर से दूर बने क्वार्टर में ढेरों पौधों के साथ रहती हैं और इन्हें छोड़कर शहर जाना ही नहीं चाहतीं, जानें कैसे हुआ यह संभव।
मिलिए पुणे की डेटा साइंटिस्ट मानसी दुनाखे से, जिन्हें छह साल पहले तक पौधों की ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन उन्हें हरियाली वाली जगह में घूमना पसंद था। हरियाली के अपने इसी शौक़ के कारण, उन्होंने अपने घर को एक मिनी जंगल में बदल दिया है।
कोटा, राजस्थान की रहने वाली पारुल सिंह को सात साल पहले तक गार्डनिंग की कोई जानकारी नहीं थी। न ही वह कोई पौधा उगाती थीं। लेकिन एक बार अपने बेटे के एक सवाल का जवाब देते हुए, उन्हें गार्डनिंग का ऐसा शौक हुआ कि उन्होंने अपने घर में 1500 से ज्यादा पौधे उगा लिए।
फरीदाबाद की रहनेवाली डॉ. करुणा पाल गुप्ता के घर में एक-दो नहीं, बल्कि चार अलग-अलग तरह के गार्डन बने हैं। जिन्हें उन्होंने जंगल और फ्लावर थीम से सजाया है।
छपरा की रहनेवाली सुनीता प्रसाद ने अपनी सूझ-बूझ दिखाते हुए एक PVC पाइप और बांस की मदद से बेहतरीन वर्टिकल गार्डन तैयार किया है। जिसमें बेहद ही कम जगह में ढेरों सब्जियां उगाई जा सकती हैं। आप भी सीखें पौधे उगाने का यह तरीका।
जलंधर में नवदीप सिंह के घर की छत पर सिर्फ और सिर्फ कैक्टस की ही 500 से ज्यादा किस्मों के 3000 हजार पौधे लगे हैं, जिसकी कीमत तक़रीबन 40 लाख रुपये है। पढ़ें उनके इस अनोखे शौक के बार में।