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घर को बना दिया ग्रीन बिल्डिंग, बिना मिट्टी उगा रहे लौकी, करेला, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलें

Hydroponic Gardening

लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोगों ने अपने शौक को जिया तो बहुतों ने अपने लिए रोजगार का साधन बनाया। ऐसे ही लोगों में से एक हैं उत्तर प्रदेश के रामवीर सिंह। बरेली में रहने वाले रामवीर सिंह पिछले कई सालों से मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही गांव में अपनी खेती-बाड़ी भी कर रहे हैं। 2020 में लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने अपने घर में हाइड्रोपोनिक तरीके से बागवानी की शुरुआत की। अपने घर में अच्छी सफलता मिलने के बाद, अब रामवीर दूसरों के घरों में भी हाइड्रोपोनिक सिस्टम सेटअप कर रहे हैं। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए रामवीर ने बताया कि वह किसान परिवार से हैं। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मीडिया क्षेत्र से जुड़ गए और कई बड़े चैनलों के साथ काम करने के बाद, फिलहाल वह बरेली में एक चैनल के साथ बतौर स्वतंत्र पत्रकार जुड़े हुए हैं। 

उन्होंने बताया, “हमारे पास खेती-बाड़ी के लिए पुश्तैनी जमीन है, जो बरेली से लगभग 40 किमी दूर है। इस जमीन पर मैं अपने परिवार की जरूरत के लिए सब्जी, अनाज, दलहन उपजा लेता हूं। मैं 2009 से जैविक खेती कर रहा हूं। दरअसल, मेरे एक दोस्त के चाचाजी को कैंसर हो गया था। उनकी जांच कराई तो पता चला कि उन्हें फल-सब्जियों में इस्तेमाल हो रहे रसायनों के कारण कैंसर हुआ है। तबसे मैंने ठान लिया कि अपने परिवार के लिए मुझे खुद जैविक तरीकों से खेती करनी चाहिए।” 

रामवीर कहते हैं कि एक बार अपने कुछ दोस्तों के साथ वह दुबई गए थे। दुबई में उन्होंने हाइड्रोपोनिक सिस्टम देखा और जाना कि इस सिस्टम में बिना मिट्टी के एकदम शुद्ध और पोषणयुक्त सब्जियां उगाई जा सकती हैं। उन्हें हाइड्रोपोनिक सिस्टम में दिलचस्पी आने लगी और भारत लौटकर उन्होंने अलग-अलग जगहों से इस तकनीक पर ट्रेनिंग ली। लेकिन रामवीर हाइड्रोपोनिक सिस्टम में भी कुछ अलग करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पहले से उपलब्ध सिस्टम सबके लिए सफलतापूर्वक काम करें यह जरूरी नहीं है। इसलिए उन्होंने हाइड्रोपोनिक के NFT (Nutrient Film Technique) और DFT (Deep Flow Technique), दोनों तकनीक को इस्तेमाल करते हुए अपने घर के लिए अनोखा सिस्टम बनाया। 

Ramveer Singh

तीन मंजिला घर को बनाया ‘सब्जीघर’

रामवीर ने अपने घर के तीन फ्लोर पर हाइड्रोपोनिक सिस्टम लगाया है। अगर इसके कुल एरिया की बात की जाए तो यह लगभग 750 वर्गमीटर है और उनके बनाये सिस्टम में 10 हजार पौधे लगे हुए हैं। इस सिस्टम में, पीवीसी पाइप में निर्धारित दूरी पर छेद कर जालीदार गमले (नेटकप) लगाने की जगह बनाई जाती है। इनमें सैकड़ों पौधे लगाए जा सकते हैं। इन सभी पाइप को ढलान के साथ एक दूसरे से जोड़ दिया जाता है। इसके बाद एक छोर से मोटर के जरिये पानी का प्रवाह किया जाता है और सभी पाइप में होते हुए वापस टैंक में आ जाता है।

उन्होंने बताया कि इस तकनीक में सामान्य बागवानी के मुकाबले 90% कम पानी खर्च होता है। “मैंने मार्च, 2020 में अपने घर में सिस्टम का सेटअप किया। वैसे तो मैं खेती भी करता हूं लेकिन घर में बागवानी करने की वजह थी कि जरूरत के आधार पर तुरंत घर में सब्जियां उपलब्ध हो सकें। अब मान लीजिये किसी दिन पालक चाहिए तो इसके लिए 40 किमी दूर जाने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए मैंने सोचा कि सब्जियों की व्यवस्था घर में ही की जाए और इसके लिए हाइड्रोपोनिक से बेहतर और कुछ भी नहीं है,” वह कहते हैं। 

अपने इस सिस्टम में वह मौसमी सब्जियां लगा रहे हैं। जैसे टमाटर, मिर्च, पालक, मेथी, पुदीना, लौकी, तोरई, खीरा, चौलाई, शिमला मिर्च, करेला, गोभी, सलाद पत्ता आदि। अपने घर की आपूर्ति के साथ-साथ उन्होंने अपने मोहल्ले के लोगों को भी सब्जियां खिलाई हैं। इसके अलावा, कुछ सब्जियां जैसे पीली व लाल शिमला मिर्च की बिक्री भी की। उन्होंने पीली व लाल शिमला मिर्च के करीब पांच सौ पौधे लगाए थे।

Growing organic veggies

10 से ज्यादा घरों में लगाया है सिस्टम 

रामवीर सिंह ने अपने घर को ‘हाइड्रोपोनिक मॉडल’ की तरह तैयार किया है। जिससे कि बाहर से ही लोगों को उनका बगीचा दिख जाए। उनके बगीचे को देखकर सैकड़ों लोगों ने उनसे संपर्क किया और उनके बगीचे का दौरा भी किया। उन्होंने बताया कि अब तक वह 10 से ज्यादा घरों में हाइड्रोपोनिक सिस्टम लगा चुके हैं। वह Vimpa Organic and Hydrophonic के नाम से अपना बिज़नेस चला रहे हैं। वह दूसरों को हाइड्रोपोनिक तकनीक से बागवानी करना सिखा रहे हैं और साथ ही, खुद भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। 

सब्जियों के साथ-साथ वह स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह सभी पौधों के लिए खुद ही जैविक तरीकों से कीटप्रतिरोधक बनाते हैं। इसके अलावा नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, पोटेशियम, कापर, जिंक आदि 16 पोषक तत्व पानी में मिलाकर पौधे तक पहुंचाए जाते हैं। “हाइड्रोपोनिक तकनीक से आप सामान्य खेती के मुक़ाबले ज्यादा पोषक और शुद्ध सब्जियां उगा सकते हैं। क्योंकि सामान्य खेती के दौरान डर रहता है कि अगर आपके पड़ोसी किसान ने कीटनाशकों का प्रयोग किया है तो उसका असर आपकी फसल पर भी पड़ता ही है। इसलिए आप उसे 100% शुद्ध नहीं कह सकते हैं। लेकिन हाइड्रोपोनिक सिस्टम में आप 100% शुद्ध साग-सब्जियां लगा सकते हैं,” वह कहते हैं। 

Soilless gardening

रामवीर कहते हैं कि यह एक बार का निवेश है, जिससे आप सालों-साल तक अपने परिवार को साग-सब्जियां खिला सकते हैं। खासकर कि हरी-पत्तेदार सब्जियां, जिन्हें हम सीधा उपयोग में लेते हैं, उनके लिए हाइड्रोपोनिक उपयुक्त है। वह बताते हैं कि पिछले एक साल में उन्होंने न के बराबर सब्जियां बाजार से खरीदी हैं। उनके परिवार को बगीचे से ही सब्जियों की अच्छी सप्लाई मिल रही है।

अगर आप इस तकनीक के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं या अपने घर में हाइड्रोपोनिक सिस्टम सेटअप करवाना चाहते हैं तो 9456696777 पर कॉल कर सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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