जब भी कभी आप "डिजिटल सिग्नेचर" के बारे में सुनते या सोचते हैं, तो आपके दिमाग में सबसे पहले क्या विचार आता है? शायद, लैपटॉप या टैबलेट पर एक छोटा, खाली सफेद स्पेस, जहां आपको अपना हस्ताक्षर करना है। ठीक वैसे ही, जैसे आप कागज पर करते हैं, है न?
अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी की ओर से ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें आईआईटी कानपुर द्वारा बनाए गए ड्रोन विभ्रम को तीन कैटेगरी में खिताब मिले हैं।
हावर्ड बिज़नेस स्कूल से पढ़े, अतुल्य मित्तल की EV कंपनी 'Nexzu Mobility' ने, ई-साइकिल के दो मॉडल 'Rompus+' और 'Roadlark' तैयार किये हैं। दोनों साइकिलों को 750 बार चार्ज किया जा सकता है। ये काफी किफायती और पर्यावरण के अनुकूल हैं।
आज ई-व्हिकल खरीददारों के मन में सबसे बड़ा सवाल होता है - क्या होगा यदि वाहन की बैटरी आधे रास्ते में ही डिस्चार्ज हो जाए? इसी को देखते हुए, पुणे स्थित E Motorad कंपनी ने एक ऐसी ई-साइकिल को विकसित किया है, जिसे ई-बाइक के रूप में चलाने के साथ ही, आम साइकिल के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अमिताभ 2003 में इंग्लैंड गए और ब्रिटिश सरकार के सोशल वेलफेयर बोर्ड लंदन में करीब 10 साल तक काम किया। इस सरकारी नौकरी से वह दुनिया का हर ऐशो-आराम हासिल कर सकते थे, लेकिन उनकी मंजिल कुछ और थी।