Placeholder canvas

ऑफिस ऑन व्हील्स: इस लक्ज़री EV में आसानी से कर पाएंगे ऑफिस का काम

Pravaig Dynamics

बेंगलुरु स्थित EV स्टार्टअप ‘Pravaig Dynamics’ की यह लक्ज़री कार एक चार्ज पर 504 किमी तक चल सकती है।

इस महीने की शुरुआत में, बेंगलुरु स्थित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप ‘प्रवेग डायनेमिक्स’ (Pravaig Dynamics) ने कुछ बेहतरीन विशेषताओं के साथ, अपनी Extinction MKI लक्ज़री इलेक्ट्रिक कार को उतारा है। इस स्टार्टअप का दावा है कि यह दो दरवाजे और चार सीटों वाली इलेक्ट्रिक कार, एक बार चार्ज करने पर 504 किमी तक चल सकती है।

96 kWh लीथियम-आयन बैटरी पैक द्वारा चलने वाली एक्सटिंकशन MKI, 196 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार के साथ 200 ब्रेक हॉर्सपावर (bhp) का आउटपुट देती है। यह मात्र 5.4 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार भी पकड़ सकती है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत, इसकी 504 किमी की बैटरी रेंज है। आंकड़ों की बात की जाये तो ‘टेस्ला मॉडल वाई लॉन्ग रेंज’ में 508 किमी से अधिक की बैटरी रेंज है, जबकि ‘हुंडई कोना’ फुल चार्ज होने पर 452 किमी बैटरी रेंज देने का दावा करती है। भारत में, MG मोटर की ‘MG ZS EV’, 340 किमी बैटरी रेंज देने का दावा करता है, जबकि हाल ही में लॉन्च मर्सिडीज-बेंज EQC, 350 किमी की बैटरी रेंज देती है।

प्रवेग डायनेमिक्स के सह-संस्थापक, सिद्धार्थ बागड़ी ने द बेटर इंडिया को बताया, “हमारा बैटरी पैक, MG मोटर की एमजी जेडएस ईवी (44.5 kWh बैटरी पैक द्वारा संचालित) से दोगुना है। परीक्षण के दौरान, हमने इस आंकड़े को 600 किमी से भी ज्यादा पाया। फिलहाल, हमारी बैटरी रेंज 504 किमी है। ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इसकी विशेषताओं को और अधिक बढ़ाने के लिए, ‘बैटरी प्रबंधन प्रणाली’ को विकसित करना एक बड़ी चुनौती है। हमने इसे सुरक्षित, लंबे समय तक चलने और सबसे कम लागत पर बनाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की है। कार के नीचे की सतह पर, बैटरी पैक में पाँच हजार सेल होते हैं। हमारी बैटरी 155Wh / किलोग्राम की ऊर्जा घनत्व के साथ, दुनिया के प्रमुख सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती है।”

प्रवेग में, प्रोटोटाइप और डेवलपमेंट की देखरेख करने वाले प्रजनेय राजुलु बोडेपल्ली ने बताया, “कार निर्माता वास्तव में मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को एक बार चार्ज करने पर, लंबी दूरी की यात्रा करने लायक बना सकते हैं। लेकिन, समस्या यह है कि लंबी दूरी की यात्रा करने पर बैटरियों की खपत तेजी से होने लगती है। इन बैटरियों को बेहतर कुलिंग सिस्टम की जरूरत होती है। बेहतर कुलिंग सिस्टम बनाने की तरकीब, इसके डिजाइन और संपादन पर निर्भर करती है।”

प्रजनेय ने आगे बताया, “तकनीकी रूप से ईवी की विशेषताओं को पूरा करने के लिए,आप इसमें एक बैटरी पैक लगा सकते हैं। लेकिन, ज्यादा उपयोग में लेने से बैटरी गर्म हो कर फ्यूज हो जाती है, जिससे उर्जा की आपूर्ति बंद हो जाती है। अभी के लिए, हम एक सक्रिय कूलिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं, जो बैटरी पैक की लंबाई के साथ हीट एक्सचेंज करता है। हम इसके साथ ही कुछ विकल्पों पर भी काम कर रहे हैं। लेकिन, मैं अभी इसके बारे में ज्यादा नहीं बता सकता।”

इस बेंगलुरु स्टार्टअप का दावा है कि एक बार चार्ज होने पर, अनुकूल परिस्थितियों में यह 504 किमी की रेंज दे सकती है। सिद्धार्थ कहते हैं, “इसके अलावा, हम बैटरी पैक को केवल 30 मिनट में 0 से 80% तक चार्ज कर सकते हैं। इसकी बैटरीलाइफ लगभग 10 लाख किमी है।”

Pravaig Dynamics
एक्सटिंकशन MKI (तस्वीर सौजन्य – प्रवेग डायनेमिक्स)

मेक इन इंडिया, बिजनेस मॉडल

सिद्धार्थ का दावा है कि लगभग 90% वाहन (वजन के हिसाब से) भारत में बना है।

उन्होंने बताया, “हम दुनिया के सबसे अच्छे आपूर्तिकर्ताओं से कुछ ज्यादा लागत वाले, छोटे कल-पुर्जे मंगवाते हैं। जिनमें चीन नहीं बल्कि जापान शामिल हैं। भारतीय विक्रेताओं को आगे बढ़ने की जरूरत है। यहाँ जीवाश्म ईंधन से चलने वाली दो बिलियन गाड़ियां हैं, जिन्हें अगले 10-15 वर्षों में ईवी में बदलने की जरूरत है। दुर्भाग्य से, कुछ कल-पुर्जों के लिए हमें विदेशी विक्रेताओं पर निर्भर रहना पड़ता है। हमें भारत में अधिक महत्वाकांक्षी विक्रेताओं की जरूरत है। वर्तमान में, हम देश में विक्रेताओं को शिक्षित कर रहे हैं और वैश्विक मानको तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं।”

इस एक्सटिंकशन ईवी का एक अनूठा पहलू 3डी प्रिंटिंग को अपनाना है।

प्रजनेय ने बताया, “यह औद्योगिक पैमाने पर एक बहुत महंगी प्रक्रिया है, लेकिन यह नवीकरण प्रक्रिया (innovation process) में बहुत समय बचाती है। आमतौर पर प्रमुख वैश्विक निगम (major global corporations) व्यवसायिक स्तर पर इस महंगी प्रक्रिया को अपनाते हैं। यह सराहनीय है कि नवीकरण के नाम पर, प्रवेग ने 3 डी प्रिंटिंग को अपनाया है। कंपनियां किसी भी उपप्रणाली (सबसिस्टम) के लिए, इसे चार-पाँच बार जाँच कर देखती हैं कि यह व्यवसायिक उपयोग के लिए अनुकूल है या नहीं। इस तरह, 3डी प्रिंटिंग से समय की काफी बचत होती है।”

ऑटोमेटिव उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में 3डी प्रिंटिंग तेजी से उपयोग में लाया जा रहा है। मूलरूप के अलावा, इसका उपयोग टूल और विभिन्न कल-पुर्जों के उत्पादन के लिए भी किया जा रहा है।

लेकिन यह ईवी के लिए, प्रवेग डायनेमिक्स का बिजनेस मॉडल है। जो भविष्य के लिए स्टार्टअप को अच्छी तरह से पेश कर सकता है। ईवो इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी कार को किसी व्यक्ति विशेष को नहीं बेचेगी।

इस रिपोर्ट के अनुसार, “कंपनी बड़े ऑपरेटरों को, कारों को एक ड्राईवर के साथ किराए पर देगी । इसके पीछे की सोच यह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआती कीमत को वसूलने के लिए, ईवी को लगातार चलाना और फिर गाड़ी को चलाने में लगने वाले कम खर्च का फायदा उठाना है। 500 किमी रेंज का उद्देश्य यह है की बेंगलुरु जैसे शहर में, हवाई अड्डे से कई बार आने-जाने के लिए कार को सक्षम बनाये और इसे सिर्फ रात में ही चार्ज करना पड़े। प्रवेग डायनेमिक्स, उन कंपनियों के दफ्तरों में भी चार्जर स्थापित करेगी, जिन्होंने कार किराए पर ली है और उनके किराए के खर्च में ही, उपयोग की हुई बिजली का खर्च भी शामिल होगा।”

कंपनी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “इस ईवी का निर्माण सिर्फ टैक्सी के तौर पर उपयोग करने के लिए किया गया है, यही कारण है की इस गाड़ी को दूसरी ऐसी ही गाड़ियों के मुकाबले, लगभग 40% कम दाम में उपलब्ध कराया जा सकेगा।”

Pravaig Dynamics
रास्ते में (तस्वीर सौजन्य – प्रवेग डायनेमिक्स)

हालांकि, प्रवेग की पहली व्यवसायिक पेशकश, यह एक्सटिंकशन MKI नहीं होगी। यहाँ ध्यान देना जरूरी है कि यह एक प्रकार का प्रोटोटाइप है, जिससे एक्सटिंकशन MKII (सिडान) के आगे का रास्ता तैयार हुआ है।

कंपनी के अनुसार, MKI के सभी महत्वपूर्ण तकनीकी विशेषताओं को शामिल करते हुए, MKII में यात्रियों के लिए कई प्रमुख अपग्रेड दिखेंगे।

अब सवाल उठता है कि एक्सटिंकशन MKII को व्यक्तिगत तौर पर ग्राहकों को क्यों नहीं बेचा जा रहा है? आज, हमारे शहरों में बढ़ते यातायात, भीड़ तथा प्रदूषण जैसी समस्यायें आम बात हो चुकी हैं, जो भविष्य के लिए ठीक नहीं हैं। दिल्ली स्थित पर्यावरण थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक अध्ययन के अनुसार, “एक कार एक साल में औसतन केवल 400 घंटे चलती है और बाकी समय (8,360 घंटे या 95%) रखी ही रहती है।”

सिद्धार्थ कहते हैं, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्री अपनी निर्धारित जगहों पर कुशलता से आना-जाना कर सके। हम चाहते हैं की लोग इस बात की चिंता न करें की उन्हें कौन सी कार खरीदनी है? कौन सा चार्जर उपयोग करना है? ईएमआई कैसे भरेंगे? रखरखाव की लागत आदि का भुगतान कैसे करेंगे? अधिकांश कार प्रेमियों को इससे ज्यादा संतुष्टि नहीं मिलेगी क्योंकि, ग्राहक इसे निजी तौर पर नहीं खरीद पाएंगे। लेकिन हम एक ऐसे समय की तरफ जा रहे हैं, जहाँ कार खरीदने की दर कम हो रही है तथा सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है।”

प्रजनेय कहते हैं, “MKI, प्रवेग की तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक तरीका है, जबकि MKII में ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस, दो के बजाय चार दरवाजे, यात्री सीट को 165 डिग्री तक पीछे ले जाने जैसी कई अन्य सुविधाएं भी होंगी।”

Pravaig Dynamics
दाएं से बाएं: सह-संस्थापक सिद्धार्थ बागड़ी और धवल खुल्लर (तस्वीर सौजन्य – प्रवेग डायनेमिक्स)

कंपनी के अनुसार, यह ईवी सैंकड़ों नई विशेषताओं के साथ, अगले साल दिवाली तक व्यवसायिक उत्पादन के लिए तैयार रहेगी। ऐसे तो, इसमें कई विशेषताएं होंगी पर पाँच प्रमुख विशेषताएं, जो इस ईवी को अलग बनाती हैं, इस प्रकार हैं:

‘प्राइवेट स्पेस’: लिमोजीन की तर्ज पर, इस व्यवसायिक वाहन में आगे और पीछे की सीटों को अलग करते हुए, एक रोलेबल टिंटेड विंडो (घुमाने योग्य रंगीन खिड़की), 12 इंच का ग्लास और वैनिटी लाइटिंग होगी।

ऑफिस ऑन व्हील्स’: इस वाहन में 15 इंच के लैपटॉप को रखने के लिए एक डेस्क, पावर पोर्ट और दो यूएसबी पोर्ट होंगे, जिससे यात्री अपने दफ्तर पहुँचने तक इसी में काम कर सकेंगे।

‘हिमालयन एयर’: कंपनी के अनुसार, MKII में एक ‘इनडोर एयर फिलट्रेशन सिस्टम’ (अन्दर की हवा को साफ रखने की प्रणाली) होगा, जो कि 99% की दर से हवा में मौजूद PM 2.5 आकार के कणों को साफ करेगा। साथ ही, इसमें कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) को निकालने का सिस्टम भी होगा।

‘ओपेरा ऑन व्हील्स’: कंपनी के अनुसार, विश्व में पहली बार किसी वाहन में फ्रेंच ऑडियो ब्रांड डेविएलेट का उपयोग किया जायेगा, जिससे बिजली की खपत कम होगी और धीमे स्वरों को भी स्पष्ट रूप से सुना जा सकेगा।

बिल्ट लाइक ए टैंक’: स्टार्टअप का दावा है कि यह व्यवसायिक मॉडल, एक पाँच-सितारा सुरक्षा उत्पाद होगा।

प्रवेग डायनेमिक्स के वाहन बाजार में आने से पहले ही अपनी कई विशेषताओं के कारण, बहुत सी सीमाओं को पार करते हुए और भविष्य के लिए, अपनी एक मजबूत जगह बना रहे हैं। उदाहरण के तौर पर वे ‘डाटा सिक्योरिटी’ जैसे विषयों पर भी ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।

हालांकि, यहाँ तक का सफर इतना आसान नहीं था, जितना लग रहा है। यहाँ तक पहुँचने में नौ साल का एक लंबा समय लगा है। जिसकी नींव प्रवेग डायनेमिक्स के रूप में, नौ साल पहले दो दोस्तों, धवल खुल्लर और सिद्धार्थ बागड़ी ने रखी थी।

वे अब एक सुनहरे भविष्य की राह पर हैं।

मूल लेख: रिनचेन नोरबू वांगचुक

संपादन- जी एन झा

इसे भी पढ़ें:  EV का है ज़माना! इस ई-साइकिल को एक बार करिये चार्ज और 100 किमी घूमिये नॉनस्टॉप

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Pravaig Dynamics Pravaig Dynamics Pravaig Dynamics Pravaig Dynamics Pravaig Dynamics Pravaig Dynamics Pravaig Dynamics Pravaig Dynamics

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X