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'द ग्रोइंग जिराफ़' एक माँ की, बच्चों के लिए हेल्दी फूड बनाने की सक्सेस स्टोरी

By प्रीति टौंक

मुंबई की रुक्मिणी ने 2018 में अपने फ़ूड स्टार्टअप ‘द ग्रोइंग जिराफ़’ की शुरुआत बच्चों के पोषण को ध्यान में रख कर की थी। आज, उनके बनाये रागी, पीनट बटर जैसे सुपर फूड से बनी कुकीज़ और बार, बच्चों के साथ-साथ, बड़ो की भी पसंद बन चुके हैं।

सास की रेसिपी से बहू ने शुरु किया बिजनेस, हर महीने हो रही है 5 लाख की कमाई

By पूजा दास

चेन्नई में रहने वाली सोनम सुराना ने अपनी सास की रेसिपीज से Prem Eatacy नामक ऑनलाइन फ़ूड बिज़नेस शुरु किया है, जहाँ वह घर में बनाए गोंगुरा चटनी और मोलागापोडी जैसे उत्पाद बेचती हैं।

जॉब के साथ- साथ शुरू किया साबुन का व्यवसाय, अब हर माह मिलते हैं 500 ऑर्डर

By निशा डागर

मुंबई की रहने वाली महिला उद्यमी, मनीषा दत्ता पिछले 4 सालों से अपना हैंडमेड और कस्टमाइज साबुन व्यवसाय, केप ऑफ़ गुड सोप चला रही हैं!

माँ के नुस्खे को बनाया देसी स्किन-हेयर केयर ब्रांड, 8 हज़ार के निवेश से पहुँचाया 80 हज़ार तक

By प्रीति महावर

चेन्नई की ऐश्वर्या शंकर अय्यर और रमा शंकर नामक माँ-बेटी की जोड़ी ने घरेलू नुस्खों से बने स्किन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स से Aavaram ब्रांड की शुरुआत की।

बेटी के जन्म के बाद बनीं डॉक्टर, कंगना के पंगे से कम नहीं था संघर्षों से इनका 'पंगा'!

फिल्म देखने के दौरान निधि को लगा मानो जैसे सारे किरदार एकदम से जीवंत हो उठे हो और उनकी कहानी के इर्द-गिर्द घूमने लगे हो।

होटल में हुआ घाटा तो शुरू किया ठेला; अब केवल रु. 25 में रोज़ 500 लोगों को खिलाती हैं भरपेट खाना

By निशा डागर

दिन में 15 घंटे से भी ज़्यादा काम करने वाली श्वेता न सिर्फ़ महिलाओं के लिए बल्कि हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो हालातों से घबराकर सच्चाई से भागने की कोशिश करता है।

मैं तब तक आराम से नहीं बैठूंगी, जब तक मेरी बेटियाँ सबको बता न दें कि वे कितना कुछ कर सकती हैं!

By निशा डागर

आज द बेटर इंडिया पर पढ़िए Humans of Bombay से अनुवादित पोस्ट। मुंबई की इस आम-सी महिला की कहानी, जो अपने पति के देहांत के बाद हर सम्भव तरीके से अपनी बेटियों को पाल रही है। वह नहीं चाहती कि उसकी बेटियों को कभी भी यह लगे कि लड़कियाँ कुछ नहीं कर सकतीं।

डॉ. रेहाना बशीर: जम्मू-कश्मीर के पुंछ से यूपीएससी उत्तीर्ण करने वाली पहली लड़की!

By निशा डागर

हाल ही में, यूपीएससी 2018 का परिणाम घोषित हुआ है और जम्मू में पूंछ जिले से इस परीक्षा को पास करने वाली डॉ. रेहाना बशीर, पहली लड़की हैं। साल 2016 में अपनी इंटर्नशिप पूरी होने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी।