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बिहार: 45 वर्षीय एक नेत्रहीन व्यक्ति ने बनाया अपने गाँव को खुला शौच मुक्त गाँव!

By निशा डागर

बिहार के गया जिले के फतेहपुर गांव में एक नेत्रहीन व्यक्ति, साधु माझी ने न केवल अपने घर में शौचालय बनवाया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि गांव के बाकी लोगों को भी जागरूक किया जाये। आज यह गाँव खुला शौच मुक्त गाँव हैं और इसका पूरा श्रेय माझी को ही जाता है।

जंगलों में 3 दिन की दौड़-भाग के बाद इस साहसी महिला एसपी ने पकड़ा खतरनाक सीरियल किलर को!

By निशा डागर

मध्य प्रदेश में 33 से भी अधिक ट्रक चालकों की हत्या करने वाले सीरियल किलर आदेश खमरा को हाल ही में एसपी बिट्टू शर्मा ने उत्तर-प्रदेश के सुल्तानपुर के जंगलों से पकड़ा है। अपनी गिरफ्तारी पर खमरा ने अपने सभी अपराध क़बूले हैं। आदेश खमरा शायद कुख्यात अपराधी अशोक खमरा से प्रभावित था।

बिहार के इस शहर में 16 अगस्त को भी मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस, जानिए क्यों!

By निशा डागर

भारत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। हालांकि, बिहार के बक्सर जिले में एक छोटा सा शहर डुमराँव के लोगों के लिए 16 अगस्त को होने वाला उत्सव समान रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे इस दिन साल 1942 में शहीद हुए चार स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते थे ।

72वें स्वतंत्रता दिवस पर ब्रिटिश पुलिस ने भारत को लौटाई चुराई हुई 12वीं शताब्दी की बुद्ध प्रतिमा!

By निशा डागर

इस स्वतंत्रता दिवस पर ब्रिटिश पुलिस ने भारत को 57 साल पहले बिहार के नालंदा म्यूजियम से चोरी हुई 12वीं शताब्दी की एक मूर्ति सम्मान सहित लौटाई है। दरअसल, यह कांसे से बनी मूर्ति भारत के नालंदा में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संग्रहालय से 1961 में चोरी की गई 14 मूर्तियों में से एक है। 

अवैध आश्रयगृह में हो रहा था यौन शोषण; इस 10 साल की बच्ची ने बचाया 24 लड़कियों को!

By निशा डागर

बिहार के आश्रय घर के बाद अब उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित आश्रय घर, माँ विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान से 24 लड़कियों को यौन शोषण से बचाया गया। इसमें कुल 42 लोग रहते थे। 18 लड़कियां अभी भी लापता हैं।

इन युवाओं की थिएटर को करियर विकल्प के तौर पर आम जन से जोड़ने की पहल अब रंग ला रही है!

By निशा डागर

23 वर्षीय राजीव ने साल 2014 में अपने एक दोस्त मदन मोहन आर्य के साथ मिलकर पटना में 'इंडीपेन्डेन्ट थिएटर' यानि कि 'स्वतंत्र रंगमंच' की शुरुआत की। इंडीपेन्डेन्ट थिएटर कोई संस्था या समूह नहीं है बल्कि इंडीपेन्डेन्ट थिएटर एक जरिया है किसी भी कलाकार के लिए जो अपनी कला लोगों को प्रदर्शित करना चाहता है।

मिलिए बिहार के गुरु रहमान से, मात्र 11 रूपये में पढ़ाते हैं गरीब छात्रों को!

By निशा डागर

बिहार के अदम्य अदिति गुरुकुल के हजारों छात्रों के लिए, जो सब इंस्पेक्टर, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और सीटीओ अधिकारी बन गए हैं, गुरु रहमान वह शिक्षक जिसने उनकी दुनिया बदल दी। डॉ मोतीर रहमान खान ने 1994 में कोचिंग कक्षाएं शुरू की, क्योंकि उन्हें प्यार हो गया था।

ट्रेन यात्री के सिर्फ एक ट्वीट ने 26 नाबालिग लड़कियों को तस्करी से बचाया!

By निशा डागर

5 जुलाई को आदर्श श्रीवास्तव ने मुजफ्फरपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस में यात्रा करते वक़्त अपने कोच में 26 लड़कियों के एक ग्रुप को सहमा हुआ और रोता हुआ देखा। आदर्श ने ट्विटर पर रेलवे प्रशासन व पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस की तीव्र प्रतिक्रिया के चलते इन लड़कियों को बचा लिया गया।

गुल्लक बच्चा बैंक : जहाँ के प्रबंधक, उपप्रबंधक और क्लर्क, सभी हैं 14-16 साल के बच्चे!

By निशा डागर

साल 2008 में बिहार सरकार ने राज्य में शिक्षा विभाग के अंतर्गत पटना में किलकारी बाल भवन की शुरुआत की। इसे शुरू करने का मुख्य उद्देश्य गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा व व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। किलकारी के अंतर्गत गुल्लक बच्चा बैंक की पहल की गयी। इस बैंक ने लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी जगह बनाई है।

कभी थे कृषि मजदूर, आज हासिल की है सिंगापूर में 8 लाख रूपये सालाना की नौकरी!

By निशा डागर

पूर्णिया, बिहार से ताल्लुक रखने वाले दिलीप साहनी जो कभी मखाना कृषि मजदुर के रूप में काम करते थे, आज उन्हें सिंगापूर की एक कंपनी संगम ग्रुप, स्टील कंपनी में आठ लाख सालाना वेतन की नौकरी मिली। दिलीप के मैकेनिकल इंजीनियर के सपने को पूरा करने के लिए उनके भाई और पिता ने उन का भरपुर साथ दिया।