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स्वामी दयानंद सरस्वती : वह सन्यासी जिसने धार्मिक कुरीतियों को दरकिनार कर धर्म का एक नया अध्याय लिखा!

By निशा डागर

महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात में मोराबी के टंकारा गांव में हुआ था। मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण उनका नाम मूलशंकर रखा गया था। आर्य समाज के इस संस्थपक ने ही देश में स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और लोगों को जोड़ा। 30 अक्टूबर 1883 को अजमेर में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

दुर्गा भाभी : जिन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेज़ो को चटाई थी धूल!

By निशा डागर

दूर्गा देवी वोहरा अका दुर्गा भाभी- जिन्होंने खुद गुमनामी की ज़िन्दगी जीकर भी देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजा दी थी। दुर्गा देवी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान न केवल महत्वपूर्ण गतिविधियों को अंजाम दिया बल्कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के जीवन पर भी इनका गहरा प्रभाव रहा।

पेरिन बेन कैप्टेन: दादाभाई नौरोजी की पोती, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की!

By निशा डागर

दादाभाई नौरोजी की पोती पेरिन बेन कैप्टेन एक स्वतंत्रता सेनानी व समाज सुधारक थीं। उनका जन्म 12 अक्टूबर 1888 को गुजरात के कच्छ जिले के मांडवी के एक पारसी परिवार में हुआ था। उन्होंने साल 1919 से गांधीजी के साथ काम करना शुरू किया और राष्ट्रीय स्त्री सभा के गठन में अह्म भूमिका निभाई।

मंदिर से इकट्ठा होने वाले फूलों को जैविक खाद में बदल रहे हैं अहमदाबाद के ये दो इंजीनियर!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाले दो इंजीनियर अर्जुन ठक्कर और यश भट्ट पिछले दो सालों से अपनी पहल 'ब्रूक एंड ब्लूम' के जरिये मंदिरों से इकट्ठा होने वाले फूलों से जैविक खाद बना रहे हैं। इनकी यह पहल अहमदाबाद नगर निगम के 'कलश प्रोजेक्ट' से जुडी हुई है।

एक दिन के वेतन से लेकर फायर फाइटर फाॅर्स तक: 7 तरीकों से अन्य राज्य कर रहे हैं केरल की मदद!

By निशा डागर

केरल में आयी भयानक बाढ़ के चलते अब तक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर संसाधनों तक, लगभग 19, 5512 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हो चूका है। ऐसे में दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान सहित देश के हर एक राज्य ने केरल की मदद के धनराशि व राहत सस्मग्री भिजवाई है।

गुजरात: एक ऑटो-ड्राइवर ने 61 वर्षीय दिल के मरीज को लौटाए उसके 4 लाख रूपये!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद में एक ऑटो चालक ने एक महिला के 4 लाख रूपये लौटकर ईमानदारी की मिसाल कायम की। दरअसल, राजस्थान के जोधपुर से ताल्लुक रखने वाली प्रेमलता गहलोत (61 वर्षीय) दिल की मरीज हैं। जिसके चलते वे बीते मंगलवार अहमदाबाद के थलतेज में एक प्राइवेट अस्पताल में अपने पति के साथ इलाज़ के लिए आयी थीं।

कभी एक हॉल में चलाये जा रहे इस स्कूल को गुजरात के इस आईपीएस अफ़सर ने तिमंजिली ईमारत में बदल दिया!

By निशा डागर

वडोदरा के विश्वामित्री के कवि दयाराम प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे सैंकड़ों गरीब बच्चों को अब प्राइवेट स्कूल के जैसे ही सुविधाएँ मिल रही हैं। यह स्कूल वड़ोदरा नगर निगम द्वारा चलाया जाता है। यह संभव हुआ आईपीएस जी. एस मालिक के प्रयासों से।

पौधे उगाने के लिए नारियल के खोल का इस्तेमाल, प्लास्टिक-फ्री शहर की दिशा में एक कदम!

By निशा डागर

गुजरात में वडोदरा के छोटा उदेपुर जिले के वन विभाग ने बीज से छोटे पौधे उगाने के लिए प्लास्टिक बैग छोड़ नारियल के खोल (शैल) का इस्तेमाल करना शुरू किया है। इस पहल का उद्देशय प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करना और शहर से इकट्ठा होने वाले कचरे का प्रबंधन करना है। 

जब पाकिस्तानी सेना पर भारी पड़ा भारतीय सेना का यह रबाड़ी जासूस!

By निशा डागर

गुजरात में बानसकंठा के राबरी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रणछोड़ पागी ने साल 1965 और साल 1971 में बीएसएफ और भारतीय सेना की युद्ध के दौरान भारत-पाक सीमा पर कई चौकियों को पाकिस्तानी घुसपैठ से छुड़ाने में मदद की। आज भी उनके समुदाय के लोग कच्छ के रन में सेना की मदद करते हैं।

नौकरी नहीं मिली तो बेचे पकौड़े; अब शहर भर में हैं इनके 35 पकौड़ा स्टॉल!

By निशा डागर

वडोदरा के नारायण भाई राजपूत, जो की हिंदी विषय में स्नातकोत्तर हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े बेचने वाले सुझाव को चुनौती की तरह लिया। उन्होंने श्रीराम दालवड़ा सेंटर के नाम से एक स्टॉल की शुरुआत की और आज उनकी शहर में 35 स्टॉल हैं। नारायण भाई एनएसयूआई के तहत कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं।