ये कहानी है कनिका आहूजा की, जिन्होंने कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर इस घटना से प्रभावित होकर अपनी ज़िन्दगी का मकसद बदल लिया। और हरियाणा के बहादुरगढ़ के बच्चों के हालात बदलने में जुट गयीं। कनिका इस कम्युनिटी में आधे दशक से रह रही हैं.
मांड्या जिले के छोटे से गाँव में रहने वाले सैयद गनी खान एक संग्रहालय (म्यूज़ियम) में संरक्षक है। उन्होंने एक अनूठी पहल की और एक ऐसा म्यूज़ियम तैयार कर दिया.
पुणे के प्रकाश केलकर, जो एक कपड़ा व्यवसायी रह चुके है किसानो और सैनिकों अपने जीवन भर की पूँजी दान कर रहे है. उनके इस कार्य में उनकी पत्नी भी साथ दे रही है.