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अच्छी ख़बरें

खुद सातवीं के बाद नहीं जा पाए थे स्कूल, अब 6500 बच्चों को शिक्षित कर रहें मामून

By प्रीति टौंक

कभी खुद आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ने वाले मामून, आज 6500 बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की लौ जला रहे हैं।

38 सालों से लोगों के बेकार सामान को बना रहे जरूरतमंदों की मुस्कान

By प्रीति टौंक

पिछले 38 साल से ओडिशा के जरूरतमंदों तक कपड़ें, खिलौने और कम्बल जैसी बुनियादी चीजें पहुंचाकर उनका जीवन आसान बनाने में लगे हैं गगन पेटल।

रंग-बिरंगी गोभी उगती हैं इस खेत में, जानिए कैसे बनी यह किसानों की एक्स्ट्रा आय का जरिया

By प्रीति टौंक

किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रोफेसर ने उगाई एक्सॉटिक सब्जियां professor is growing exotic vegetable to help farmer

पति हुए बीमार तो पत्नी ने उठाए औज़ार, मैकेनिक बनकर चला रही परिवार

By प्रीति टौंक

एक माँ अपने बच्चों के लिए क्या-क्या कर सकती है, इसका सच्चा उदाहरण देखना हो, तो जरूर मिलिए गाज़ियाबाद की बाइक मैकेनिक पूनम देवी से!

नैना देवी मंदिर के सूखे फूल बनें यहां की महिलाओं के रोजगार का जरिया

By प्रीति टौंक

आपके शहर के मंदिरों से निकलने वाले फूलों का आखिर होता है, कभी सोचा है? नहीं न! देखिए नैनीताल के नैना देवी मंदिर और गुरुद्वारे से निकले फूलों का डॉ. किरण तिवारी क्या कर रही हैं।

54 की उम्र में बनीं शेफ, जज़्बे और स्वाद से जीता रणवीर बरार का भी दिल

By प्रीति टौंक

उदवाड़ा, गुजरात की रहनेवाली हिल्ला और उनके बेटे शहजाद मरोलिया का बिज़नेस 'कैफे फरोहर' और इसके शुरू होने के पीछे की प्रेरक कहानी।

22 सालों से खुद के खर्च पर अर्पण कर रहे सैकड़ों बेसहारों की सेवा

By प्रीति टौंक

भागदौड़ से भरी जिंदगी में जहां लोग अपनों के लिए भी वक्त मुश्किल से निकाल पाते हैं। वहां पश्चिम बंगाल के अर्पण बनर्जी ने अपनी पूरी जिंदगी दुसरों के नाम कर दी है, वह पिछले 22 सालों से अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बेसहारा लोगों की जिंदगी को बेहतर करने में और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में लगा रहे हैं।

एक टिफिन से 150 ज़रूरतमंद बच्चों की जिम्मेदारी उठाने तक

By प्रीति टौंक

कोलकाता की गीता राउत TEARS (To Educate And Regain Smile) नाम से एक NGO चलाती हैं, जिसका मकसद उन बच्चों की रोशनी बनना है जिनके जीवन में न शिक्षा की लौ है, न परिवार का प्यार।

इनका घर है 85 बेजुबानों का आशियाना, रोज 300 जानवरों का भरती हैं पेट

By प्रीति टौंक

नौ साल की उम्र से सुषमा सिंह कर रही हैं जानवरों को रेस्क्यू, घर को शेल्टर होम बनाकर बेजुबानों की सेवा में लगे उनके परिवार की कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए।

द बेटर इंडिया की कहानी का असर, गांव के एग्रो टूरिज्म से जुड़े 10 हज़ार किसान

By प्रीति टौंक

राजस्थान के एक छोटे से गांव में बने दो दोस्तों के एग्रो टूरिज्म को सफल बनाने में द बेटर इंडिया ने निभाई अहम भूमिका। एक तरफ यहां आने वाले मेहमानों की संख्या दुगुनी हो गयी है, वहीं ट्रेनिंग के लिए इनसे जुड़े देशभर के 10 हजार किसान।