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अच्छी ख़बरें

किन्नरों का स्कूल गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ा रहा

By प्रीति टौंक

किन्नर होने की वजह से सुमी को 14 साल की छोटी उम्र में घर छोड़ना पड़ा, पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उनकी जिंदगी स्टेशन पर संघर्ष और शोषण का सामना करते हुए बीती, लेकिन आज वही सुमी अपनी जिंदगी के गहरे अंधेरों से लड़कर गरीब बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की रोशनी ला रही हैं।

मजदूर माँ की बेटी बिना कोचिंग के बनी IAS दिव्या तंवर

By प्रीति टौंक

IAS दिव्या तंवर की मजदुर माँ को कभी यह मालूम ही नहीं था कि बेटी UPSC की तैयारी कर रही है। वह तो बस यही सोचकर खुश थीं कि बेटी पढ़ाई कर रही है। माँ की मेहनत और घर की गरीबी ही बनी उनकी ताकत, जिसके दम पर उन्होंने बिना कोचिंग के अपने पहले प्रयास में ही UPSC पास करके इतिहास रच दिया।

10वीं पास किसान ने बनाया करोड़ों का नर्सरी बिज़नेस

By प्रीति टौंक

12वीं फेल अफ़सर से तो आप सभी मिल चुके हैं, अब मिलिए 10वीं पास नर्सरी किंग से, जो आज पौधे बेचकर करोड़ों कमा रहे हैं।

70 साल की उम्र में आबा ने शुरू किया क्रोशिया बिज़नेस 

By प्रीति टौंक

“कौन नहीं चाहता अपने पैरों पर खड़े होना, अपनी कमाई करना! मैंने वैसे अपनी जिंदगी में बहुत कोशिश की। पर मैं नहीं कर पायी। अभी भी यदि मेरी बहू नहीं होती तो अभी भी ये संभव नहीं था।"-आबा

"लोग मुझे 'क्वीन ऑफ मिलेट' बुलाते हैं, मुझे बहुत ख़ुशी होती है" 

By प्रीति टौंक

ओडिशा के कोरापुट जिले की रहने वाली रायमती घुरिया ने अब तक मिलेट की 30 से अधिक किस्मों को संरक्षित किया है। सातवीं पास रायमती का कृषि और बीज संरक्षण के प्रति लगाव आज उनकी पहचान बन गया है।

फुल टाइम नौकरी के साथ कर सकते हैं केसर की खेती, सीखिए इन दो भाईयों से

By प्रीति टौंक

न कोई खेत, न मिट्टी! पंजाब के दो भाई किसान न होते हुए भी, उगा रहे हैं केसर और दूसरों को भी सीखा रहे हैं एक्स्ट्रा आय का जरिया। खास बात तो यह है कि ये सब वे अपनी फुल टाइम नौकरी के साथ कर रहे हैं।

जरूरतमंदों का मुफ्त इलाज करने वाले पद्मश्री डॉक्टर, 160 किमी यात्रा करके पहुंचते हैं मरीजों तक

By प्रीति टौंक

70 साल के डॉ अरुणोदय मंडल जब 160 किमी का सफर तय करके सुंदरबन पहुंचते हैं, तब मरीजों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है, क्योंकि यहां आने वाले वह इकलौते डॉक्टर हैं। डॉ. मंडल पिछले 23 सालों इसी तरह हर हफ्ते मरीजों को मुफ्त इलाज देकर सेवाभाव की मिसाल कायम रहे हैं।

मैं फ्री लाइब्रेरी चलाती हूँ ताकि बच्चों को किताबों और रोटी के बीच न चुनना पड़े 

By प्रीति टौंक

असम की ऋतूपूर्णा नेओग अपनी संस्था Akam Foundation के जरिए उन गांवों में फ्री लाइब्रेरी बना रही हैं, जहां के बच्चों को आज भी किताबों और रोटी के बीच में किसी एक चुनना पड़ रहा है।

बेस्ट ऑफ 2023: 5 प्रशासनिक अधिकारी, जिनकी कहानियों ने आपको दी सबसे ज्यादा प्रेरणा

By प्रीति टौंक

जिनकी कहानी युवाओं में उम्मीद की एक नई अलख जगाती है कि अगर इरादा पक्का हो तो बड़ी से बड़ी मुसीबतों को भी हराया जा सकता है।