फुल टाइम नौकरी के साथ कर सकते हैं केसर की खेती, सीखिए इन दो भाईयों से

Saffron Farming

न कोई खेत, न मिट्टी! पंजाब के दो भाई किसान न होते हुए भी, उगा रहे हैं केसर और दूसरों को भी सीखा रहे हैं एक्स्ट्रा आय का जरिया। खास बात तो यह है कि ये सब वे अपनी फुल टाइम नौकरी के साथ कर रहे हैं।

केसर का नाम सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? कश्मीर है न! लेकिन आज देश के किसान या बागवानी के जानकार घर के कमरे में भी केसर उगा रहे हैं। अगर आपको लगता है केसर उगाना सिर्फ एक्सपर्ट का काम ही है तो शायद आप गलत हैं। इस बात को सच्चा साबित कर रहे हैं पंजाब के दो भाई सोमिल गुंबर और रघु गुंबर। 

श्री मुक्तसर साहिब के रहने वाले ये दो भाई अपनी फुल टाइम नौकरी के साथ केसर के किसान बने हैं। वे पिछले दो साल से अपने घर के एक कमरे में केसर उगा रहे हैं । 

दरअसल, इस काम की शुरुआत तब हुई, जब वे एक्स्ट्रा आय की तलाश में थे और कुछ ऐसा बिज़नेस करना चाहते थे जिसे वे अपने काम के साथ भी शुरू कर सकें। उन्होंने अलग-अलग तरह के साइड बिज़नेस के बारे में रिसर्च करना शुरू किया। तभी उन्हें पता चला कि भारत में केसर की डिमांड का महज 30% हिस्सा ही कश्मीर में उगता है और बाकी का 70% इंपोर्ट होता है। इस Gap को देखते हुए उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से केसर के Indoor Cultivation का पता लगाया और अपने घर से ही शुरू कर दी केसर की खेती।  

पंजाब के युवाओं को सीखा रहें केसर उगाना

saffron Farming

इस काम के लिए उन्होंने शुरुआत में ही करीबन 5 लाख रुपये का निवेश करके केसर सीड, कोल्ड स्टोर, चीलर यूनिट, रैक्स और ट्रे के साथ एक सेटअप तैयार किया। हालाँकि जब वे अपना सेटअप तैयार कर रहे थे तब लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया और ताना भी मारा। लेकिन रघु और सोमिल को अपने काम पर पूरा भरोसा था उन्होंने दूसरों कि बात पर ध्यान नहीं दिया। 

आज दो साल बाद उन्होंने सफलतापूर्वक केसर उगाकर सबको चौका दिया है। आज दूर-दूर से लोग उनसे केसर उगाने की ट्रेनिंग के लिए संपर्क करते हैं। इस तरह सोमिल गुंबर और रघु ने किसान बनकर केसर को अपनी Extra Income का जरिया तो बनाया ही है,  साथ ही नौकरी की तलाश में गांव छोड़कर जाने वालों को भी ट्रेनिंग देकर उनकी मदद भी कर रहे हैं।

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